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नई दिल्ली: एनआईए ने मंगलवार को कहा कि समझौता विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, लेकिन मालेगांव विस्फोट मामले को लेकर उसके खिलाफ जांच जारी है। एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार ने नई दिल्ली में कहा, 'समझौता विस्फोट मामले में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। वह कभी भी आरोपी नहीं था। मुझे हैरानी है कि समझौता विस्फोट मामले में उसका नाम क्यों जोड़ा जा रहा है।' उन्होंने कहा कि 2008 में मालेगांव विस्फोट के सिलसिले में एटीएस मुंबई ने पुरोहित के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और इस मामले में एनआईए जांच कर रहा था। एनआईए ने समझौता विस्फोट मामले के सिलसिले में आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है जिनमें नभ कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, दिवंगत सुनील जोशी उर्फ सुनीलजी, रामचंद्र कलसंगरा, संदीप दांगे (दोनों फरार हैं), लोकेश कुमार, कमल चौहान, अमित और राजेंद्र चौधरी शामिल हैं। मामला 18 फरवरी, 2007 को हरियाणा के पानीपत के पास अटारी एक्सप्रेस (समझौता) ट्रेन में हुए बम विस्फोटों की आपराधिक साजिश से संबंधित है। विस्फोट और उसके बाद ट्रेन के डिब्बों में आग लगने से 68 लोग मारे गए थे और महिलाआं एवं बच्चों सहित 12 ट्रेन यात्री घायल हो गए थे।

दूसरा मामला, जिसमें पुरोहित आरोपी हैं वह 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव इलाके में हुए बम विस्फोट से जुड़ा है, जिसमें चार लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।

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