नई दिल्ली: इशरत जहां मामले में सोनिया गांधी पर नये सिरे से निशाना साधते हुए भाजपा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम को मामले में दूसरा हलफनामा दाखिल करने को कहा था क्योंकि संप्रग ‘आतंकवादियों को तो बर्दाश्त कर सकती थी लेकिन प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी को नहीं’। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने चिदंबरम से कहा कि बताएं कि किसने उनसे हलफनामे में बदलाव करने को कहा था जिसमें इशरत के लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य होने और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी के जीवन को खतरे होने के संदर्भ थे। उन्होंने साफ तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष का जिक्र करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘श्रीमान पी चिदंबरम देश को बताएं। षड्यंत्र रचने वाली कौन थीं? क्योंकि हम सब जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी एक ही पते से चलती है। आप पता जानते हैं। रिमोट कंट्रोल वही चलाती हैं।’ पात्रा ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चिदंबरम ने इशरत के आतंकवादी होने तथा मोदी की जान को खतरा होने के बारे में एनआईए तथा अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई द्वारा दी गयी जानकारी दबाई।
उन्होंने कहा, ‘आपने इसे क्यों दबाया? क्या जरूरत आन पड़ी थी? क्योंकि आप इन दोनों लोगों (मोदी और अमित शाह) को बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। आप उन्हें (मोदी) को बर्दाश्त नहीं कर सकते थे क्योंकि आपको उनके प्रधानमंत्री बनने का डर था।’ पात्रा ने कहा, ‘पी चिदंबरम की साजिश बेकार चली गयी। साजिश भारत के महत्वपूर्ण नेताओं को समाप्त करने की, साजिश नरेंद्र मोदी को खत्म करने की, साजिश अमित शाह को नाकाम करने की। आवरण हट गया और आज आप रंगे हाथ पकड़े गये हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार के इस कदम से लोकतंत्र की जड़ों पर प्रहार हुआ है। संप्रग सरकार को पता था कि इशरत जहां एक आत्मघाती हमलावर थी जिसे लश्कर-ए-तैयबा ने मोदी को मारने का काम सौंपा था।