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मॉस्को: रूस दौरे पर गईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के सामने मसूद अज़हर मुद्दे पर नाराज़गी जताई। चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मसूद अज़हर पर बैन लगाने के भारत के प्रस्ताव को रोक दिया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दो देशों के दौरे के दूसरे चरण में सोमवार को रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने मॉस्को पहुंची। इस बैठक के अलावा सुषमा ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और जैश ए मोहम्मद प्रमुख और पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर के मुद्दे पर नाराज़गी जताई। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अलग अलग मुद्दों पर हो रही चर्चा के बीच स्वराज ने यह मामला भी उठाया। गौरतलब है कि इस महीने के शुरूआत में पाकिस्तानी चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर पर प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रस्ताव का चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विरोध किया था। चीन ने यह कहते हुए विरोध दर्ज किया था कि यह मामला सुरक्षा समिति की 'आवश्यकताओं' को पूरा नहीं करता। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन और उसके नेता का यूएन द्वारा बहिष्कार करने की भारत की कोशिश में चीन ने पहली बार रोड़ा नहीं डाला है।

2001 में यूएन ने जैश ए मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन 2008 में मुंबई हमले के बाद जब भारत ने मसूद अज़हर पर प्रतिबंध की मांग की तो चीन ने कथित तौर पर पाकिस्तान के कहने पर ऐसा होने नहीं दिया। पिछले साल जुलाई में मुंबई हमले के मास्टरमाइंड ज़की-उर-रहमान लख़वी को पाकिस्तान रिहा कर रहा था और भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पड़ोसी देश के इस कदम पर आपत्ति उठाई थी। चीन ने उस वक्त भी यह कहकर मामला उलझाया था कि पाकिस्तान का फैसला 'तथ्यों और पूरी तरह निष्पक्षता' के आधार पर लिया गया है। इसके साथ ही बीज़िंग ने यह भी कहा था कि वह लगातार नई दिल्ली से संपर्क में है।

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