नई दिल्ली: फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मुद्दे पर चल रही बातचीत ‘अंतिम चरण’ में पहुंच गई है। भारत और फ्रांस कीमत के मुद्दे पर अपने मतभेदों में कमी लाने में सफल हो गए हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि अब तक करार पूरा नहीं हुआ है, लेकिन यह ‘अंतिम चरण’ में है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब करीब चार महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक सहमति-पत्र पर दस्तखत किए थे। राफेल करार की कीमत में कमी लाने के लिए भारत लगातार बातचीत कर रहा था। सूत्रों ने बताया कि पिछली यूपीए सरकार की निविदा के मुताबिक, लागत में बढ़ोत्तरी और डॉलर की दर ध्यान में रखते हुए, 36 राफेल 65,000 करोड़ रुपए से थोड़ी ज्यादा कीमत पर खरीदे जा सकेंगे। इसमें विमान में किए जाने वाले उन बदलावों पर आने वाला खर्च भी शामिल है जिसकी मांग भारत ने की है। उन्होंने बताया, ‘कोशिश यह है कि कीमत आठ अरब यूरो (59,000 करोड़ रुपए) से नीचे लाई जाए।’ सूत्रों ने बताया कि फ्रांस भारत की शर्तों पर कमोबेश सहमत हो गया है। अंतिम करार मई के अंत तक पूरा हो जाने की संभावना है।
इस करार में 50 फीसदी ऑफसेट आपूर्ति, छोटी भारतीय कंपनियों के लिए कम से कम तीन अरब यूरो का कारोबार पैदा करने और ऑफसेटों के जरिए भारत में हजारों नई नौकरियां पैदा करने जैसे प्रावधान हैं।