नई दिल्ली: कांग्रेस ने पार्टी नेता दिग्विजय सिंह के उस बयान को ‘काफी असामयिक’ बताकर खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह राष्ट्रीय स्तर पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए पार्टियों के बीच सबसे बड़ी संभव एकता लाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम करने को तैयार है। पार्टी ने साथ ही यह भी कहा कि उसने हमेशा देश में लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील ताकतों के व्यापक हित में काम किया है। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘इसपर टिप्पणी करना काफी जल्दबाजी होगी।’ शर्मा से पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह के उस बयान के बारे में पूछा गया था जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए पार्टियों के बीच सबसे बड़ी संभव एकता के नीतीश के आह्वान के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री के साथ काम करने को तैयार है। कुमार को हाल में ही जद (यू) का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। कांग्रेस बिहार में गठबंधन सरकार का हिस्सा है।
शर्मा ने हालांकि जल्द ही इस बात को जोड़ा कि जैसा बिहार विधानसभा और मौजूदा पश्चिम बंगाल चुनावों में दिख रहा है, कांग्रेस ने हमेशा देश में धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील ताकतों को मजबूत बनाने के लिए काम किया है। बिहार में कांग्रेस नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन में कनिष्ठ भागीदार की भूमिका में है। इस गठबंधन में लालू प्रसाद की राजद भी भागीदार है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए वाम दलों के साथ रणनीतिक तालमेल किया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने अपनी पहचान का खुलासा नहीं किए जाने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर किसी गठबंधन का हिस्सा रहकर नहीं लड़ी है और उसने राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर सिर्फ छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है या चुनाव के बाद गठबंधन किया है।