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नई दिल्ली: भारत ने बुधवार को इस्लामाबाद में अपने कार्यवाहक उच्चायुक्त से कहा है कि वह पाकिस्तान की एक जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई एक भारतीय की मौत के संदर्भ में पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के साथ बैठक करें। भारतीय दूत को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह कृपाल सिंह के पार्थिव शरीर को जल्द भेजने की मांग करें। कृपाल सिंह लाहौर की एक जेल में अपनी कोठरी में मृत पाए गए थे। वह वहां सिलसिलेवार विस्फोटों के एक मामले में 20 साल से अधिक समय से बंद थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि इस्लामाबाद में हमारे कार्यवाहक उच्चायुक्त को निर्देश दिए गए हैं कि वह कृपाल सिंह के मुद्दे पर आज दोपहर से पहले पाकिस्तान विदेश कार्यालय में यथासंभव उच्चतम स्तर पर बैठक करके सिंह के पार्थिव शरीर को जल्दी भिजवाने की मांग करें। उन्होंने कहा कि वह मौत की वजह और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि से जुड़ी आधिकारिक जानकारी भी मांगेंगे। 50 वर्षीय कृपाल सिंह जासूसी के आरोप में लगभग 25 साल से पाकिस्तानी जेल में बंद थे।

सोमवार को वह अपनी कोठरी में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। कृपाल सिंह ने वर्ष 1992 में कथित तौर पर वाघा सीमा पार करके पाकिस्तान में प्रवेश किया था और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद उन्हें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सिलसिलेवार बम विस्फोटों के एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। बताया जाता है कि गुरदासपुर के निवासी कृपाल को लाहौर उच्च न्यायालय ने बम विस्फोट के आरोपों से बरी कर दिया था लेकिन अज्ञात कारणों के चलते उनकी मौत की सजा को बदला नहीं जा सका था। कृपाल की बहन जगीर कौर ने पहले कहा था कि आर्थिक तंगी के कारण परिवार उनकी रिहाई के लिए आवाज नहीं उठा पाया। उन्होंने यह भी बताया कि कोई राजनीतिज्ञ भी कृपाल के मामले को उठाने आगे नहीं आया।

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