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नई दिल्ली: लोकसभा में बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ‘कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया। इस विधेयक को आयकर संशोधन अधिनियम 1961 और वित्त अधिनियम 2012 में संशोधन करने के लिये लाया गया है।

निचले सदन में विपक्षी सदस्य पेगासस जासूसी मामले सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामा कर रहे थे। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस विधेयक को पेश किया। विधेयक के जरिये 28 मई 2012 से पहले भारतीय आस्तियों के हस्तांतरण पर की गयी कर की मांग को वापस लेने का प्रावधान किया गया है।

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि इसमें आयकर अधिनियम 1961 में संशोधन का प्रस्ताव है। इसके जरिये यह उपबंध किया गया है कि किसी भी भारतीय अस्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण के लिये पूर्व प्रभाव वाले संशोधन के आधार पर कोई कर की मांग नहीं की जायेगी ।

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के कर्मचारी बुधवार को सरकारी बीमा कंपनियों के निजीकरण के विरोध में एक दिन की देशव्यापी हड़ताल कर रहे हैं। पीएसजीआई कंपनियों के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे की सोमवार को बैठक हुई और इन कंपनियों के निजीकरण के सरकार के फैसले का विरोध करने का फैसला किया। अखिल भारतीय सामान्य बीमा कर्मचारी संघ के महासचिव के गोविंदन ने कहा कि यूनियनों ने लोकसभा में साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 को पारित किए जाने के खिलाफ एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पीएसजीआई की सभी चार कंपनियों के कर्मचारी दिन भर की हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं।

पेगासस जासूसी और अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच लोकसभा ने सोमवार को बिना चर्चा के विधेयक को पारित कर दिया। यह विधेयक बुधवार को चर्चा और पारित होने के लिए राज्यसभा में आने वाला है। इस विधेयक के पारित होने के बाद केंद्र सरकार किसी बीमा कंपनी में 51 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी रख सकती है यानी उसका निजीकरण किया जा सकता है।

नई दिल्ली: करदाताओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आयकर विभाग ने टैक्स संबंधी विभिन्न अनुपालनों के लिए समयसीमा बढ़ा दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भरने में करदाताओं द्वारा बताई गई कठिनाइयों के मद्देनजर आयकर अधिनियम, 1961 के तहत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग में छूट दी है।

इसके तहत इक्वलाइजेशन शुल्क और रेमिटेंस से जुड़ी जानकारियां शामिल हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अब करदाता फार्म -1 में इक्वलाइजेशन शुल्क ब्योरा 31 अगस्त तक दाखिल कर सकते हैं। मालूम हो कि इक्वलाइजेशन शुल्क भारत से प्रवासी सेवा प्रदाताओं को होने वाली आय पर काटा जाने वाला टीडीएस होता है। पहले इसकी आखिरी तारीख 30 जून थी।

इसके अतिरिक्त रेमिटेंस संबंधी ब्योरे के लिए भी अंतिम तिथि बढ़ाई गई। अप्रैल-जून तिमाही के लिए किए गए रेमिटेंस के संबंध में अधिकृत डीलरों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले फॉर्म 15सीसी में त्रैमासिक विवरण की अंतिम तिथि 15 जुलाई से बढ़कर 31 अगस्त हो गई है।

नई दिल्ली: बाजार में कुछ लोग धोखाधड़ी से विभिन्न ऑनलाइन या ऑफलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से पुराने बैंक नोट और सिक्कों की खरीद और बिक्री से संबंधित लेनदेन में जनता से शुल्क, कमीशन या कर की मांग कर रहे हैं। इसके लिए वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नाम और लोगो का इस्तेमाल कर रहे हैं।

लेकिन केंद्रीय बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक का ऐसे मामलों से कोई लेना-देना नहीं है। केंद्रीय बैंक कभी भी किसी प्रकार का शुल्क या कमीशन की मांग नहीं करता है और बैंक ने अपनी ओर से इस तरह के लेनदेन में शुल्क लेने के लिए किसी भी संस्था, फर्म, व्यक्ति इत्यादि को अधिकृत नहीं किया है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने जनता को अलर्ट किया है और कहा है कि आरबीआई के नाम का उपयोग करने वाले ऐसे फर्जी और धोखाधड़ी प्रस्तावों के माध्यम से धन निकालने वाले तत्वों का शिकार न बनें।

मालूम हो कि यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय बैंक ने खुद सामने आकर किसी भी तरह के फ्रॉड को लेकर लोगों को अलर्ट किया हो।

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