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नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने बैंक बंद होने की स्थिति में खाताधारकों को 90 दिन के अंदर 5 लाख रुपये तक की अपनी राशि हासिल करने की सुरक्षा देने को लेकर डीआईसीजीसी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) कानून में संशोधन के साथ जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3 प्रतिशत बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे।

डीआईसीजीसी विधेयक को केबिनेट ने दी मंजूरी
बैंक ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (डीआईसीजीसी) संशोधन बिल को मंजूरी दे दी गई है। इसके जरिए बंद हो चुके बैकों के ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अब बैंक के डूबने की स्थिति पर जमाकर्ताओं को 90 दिनों के भीतर ही पांच लाख रुपये मिल जाएंगे।

 
यदि बैंक का लाइसेंस रद्द होता है तो बैंक ग्राहकों को पांच लाख रुपये तक का डिपॉजिट इंश्योरेंस मिलता है। यह नियम चार फरवरी 2020 से लागू है। डिपॉजिट इंश्योरेंस में 27 साल बाद पहली बार बदलाव किया गया है। 
वित्त मंत्री ने बताया कि इसके तहत सभी जमा खातों का 98.3 फीसदी कवर होगा। यह अधिनियम सभी प्रकार के बैंकों में पांच लाख तक की सभी प्रकार की जमा राशियों का बीमा करता है।

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