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नई दिल्ली: करदाताओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आयकर विभाग ने टैक्स संबंधी विभिन्न अनुपालनों के लिए समयसीमा बढ़ा दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भरने में करदाताओं द्वारा बताई गई कठिनाइयों के मद्देनजर आयकर अधिनियम, 1961 के तहत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग में छूट दी है।

इसके तहत इक्वलाइजेशन शुल्क और रेमिटेंस से जुड़ी जानकारियां शामिल हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अब करदाता फार्म -1 में इक्वलाइजेशन शुल्क ब्योरा 31 अगस्त तक दाखिल कर सकते हैं। मालूम हो कि इक्वलाइजेशन शुल्क भारत से प्रवासी सेवा प्रदाताओं को होने वाली आय पर काटा जाने वाला टीडीएस होता है। पहले इसकी आखिरी तारीख 30 जून थी।

इसके अतिरिक्त रेमिटेंस संबंधी ब्योरे के लिए भी अंतिम तिथि बढ़ाई गई। अप्रैल-जून तिमाही के लिए किए गए रेमिटेंस के संबंध में अधिकृत डीलरों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले फॉर्म 15सीसी में त्रैमासिक विवरण की अंतिम तिथि 15 जुलाई से बढ़कर 31 अगस्त हो गई है।

इसके अलावा कुछ ई-फाइलिंग के लिए उपयोगिता की अनुपलब्धता को देखते हुए, सीबीडीटी ने पेंशन फंड और सॉवरेन वेल्थ फंड द्वारा सूचना से संबंधित फॉर्म को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल करने की नियत तारीखों को भी बढ़ाने का फैसला लिया है। इसकी समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई गई है, जो पहले 31 जुलाई थी।

करदाताओं को राहत
सीबीडीटी ने कहा कि कई करदाताओं को इन फॉर्मों को दाखिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसके बाद आयकर विभाग ने समयसीमा बढ़ाने का फैसला लिया। इससे करदाताओं को राहत मिलेगी और वे आईटी पोर्टल में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण पहले की समयसीमा का पालन करने करने पर दंडात्मक परिणामों से भी बचेंगे।

सात जून को हुई थी नए आयकर पोर्टल की शुरुआत
मालूम हो कि गत सात जून को काफी जोरशोर से नए आयकर पोर्टल www.incometax.gov.in की शुरुआत की गई थी। शुरुआत से ही पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। नई वेबसाइट इंफोसिस ने तैयार की है। आयकर विभाग के नए पोर्टल में जारी तकनीकी कमियों के बीच इंफोसिस ने कहा कि वह इन खामियों को दूर करने के लिए तेजी से काम कर रही है और वर्तमान में यह उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। 

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