- Details
बासेल: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि केंद्रीय बैंकों से जरूरत से ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए और न ही उन्हें हमेशा यह दावा करना चाहिए कि उनके पास हर समस्या से निपटने का कोई न कोई नुस्खा बचा रहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि उभरते बाजारों में परिस्थितियां ‘बहुत कठिन’ हैं। राजन ने वैश्विक वित्तीय संकट से केंद्रीय बैंकों को मिली सीख पर एक परिचर्चा के दौरान ये बातें कहीं। राजन ने परिचर्चा के दौरान औद्योगिक देशों की इस बात के जमकर खिंचाई की कि वे उभरते बाजारों को ‘परंपरागत’ मौद्रिक नीति की राह पर बने रहने की सलाह देते हैं लेकिन खुद परंपराओं को हवा में उड़ा चुके हैं। यह परिचर्चा यहां अंतरराष्ट्रीय निपटान बैंक :बीआईएस: की सालाना आम बैठक में जैकबसन फाउंडेशन व्याख्यान के बाद हुई। यह व्याख्यान 26 जून को जेपी मोर्गन चेज इंटरनेशनल के चेयरमैन जैकब फ्रेंकेल ने दिया था। इसका ब्यौरा अब जारी किया गया। परिचर्चा में बैंक ऑफ मैक्सिको के गवर्नर अगुस्तुन कार्सटेंस व बैंक ऑफ फ्रांस के गवर्नर फ्रांस्वा लिवेराय दे गलहाउ ने भी भाग लिया। राजन ने हाल ही में घोषणा कर चुके हैं कि वे रिजर्व बंक के गवर्नर पद पर दूसरा कार्यकाल नहीं लेंगे। उनका मौजूदा कार्यकाल चार सितंबर को समाप्त होगा। आईएमएफ के पूर्व अर्थशास्त्री राजन को वैश्विक वित्तीय संकट का अनुमान लगाने का श्रेय दिया जाता है।
- Details
नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड के बैंकों में अपने नागरिकों के जमा धन की सूची में भारत खिसककर 75वें स्थान पर पहुंच गया है। इस सूची में ब्रिटेन टॉप पर है। पिछले साल भारत इस सूची में 61वें स्थान पर था। स्विस बैंकों में जमा धन मामले में 2007 तक भारत टॉप 50 देशों में होता था। 2004 में भारत इस सूची में अपनी सबसे ऊपरी रैंकिंग यानी 37वें स्थान पर था। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के ताजा सालाना आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में विदेशी ग्राहकों की जमा राशि 2015 के अंत तक करीब 4% घटकर 1,420 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग 98 लाख करोड़ रुपये) पर आ गई। अलग-अलग देशों की बात की जाए, तो स्विस बैंकों में जमा विदेशियों के धन में करीब 25% यानी 350 अरब स्विस फ्रैंक ब्रिटेन के नागरिकों का है। 196 अरब स्विस फ्रैंक के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर है। उसकी हिस्सेदारी करीब 14% की है। इसके अलावा किसी देश का हिस्सा 10% से अधिक नहीं है। इस सूची में शीर्ष दस देशों में वेस्ट इंडीज, जर्मनी, बहामास, फ्रांस, गर्नसी, लग्जमबर्ग, हांगकांग तथा पनामा शामिल हैं। भारत इस सूची में 1.2 अरब स्विस फ्रैंक या 8,392 करोड़ रुपये के साथ 75 वें स्थान पर है। यह स्विस बैंकों में जमा विदेशी धन का 0.1% से भी कम है। इस सूची में पाकिस्तान, भारत से उपर 69वें स्थान पर है।
- Details
नई दिल्ली: फीचर फोन की कीमतें पांच प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। उद्योग के लोगों का कहना है कि चीन में कुछ कारखाने बंद होने की वजह से महत्वपूर्ण पार्ट्स की आपूर्ति घटी है, जिससे इनकी लागत बढ़ रही है। मोबाइल फोन उद्योग के संगठन इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन (आईसीए) का मानना है कि फीचर फोन के दाम 3 से 5 प्रतिशत बढ़ेंगे, क्योंकि डिस्प्ले और बैटरी जैसे कलपुर्जे महंगे हो रहे हैं। आईसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने कहा, डिस्प्ले और बैटरी फीचर फोन के दो महत्वपूर्ण कलपुर्जे हैं। चीन में एकीकरण की वजह से इनकी आपूर्ति पर दबाव है और साथ ही इन पार्ट्स के दाम भी बढ़ रहे हैं। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार देश में स्मार्टफोन की बिक्री बढ़ने के बावजूद अभी भी 60 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता फीचर फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ट्राई के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल, 2016 तक देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 82.6 करोड़ थी।
- Details
नई दिल्ली: भारत की आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों पर संदेह जाहिर करते हुए मार्गन स्टेनली के मुख्य वैश्विक रणनीतिककार रुचिर शर्मा ने कहा कि इन्हें ‘बढ़ा-चढ़ाकर’ दिखाया गया है और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अधिक निजी निवेश की जरूरत है। शर्मा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है।’ भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2015-16 की चौथी तिमाही के दौरान 7.9 प्रतिशत रही जिससे उक्त वित्त वर्ष में कुल सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पांच साल के उच्चतम स्तर 7.6 प्रतिशत पर रही। मुद्रास्फीति के बारे में उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का इस साल मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत पर लाने का फैसला उभरते बाजार की अर्थव्यवस्थाओं के औसत के अनुरूप है। उन्होंने कहा, ‘यदि आप चीन, कोरिया, ताइवान विश्व की सबसे सफल अर्थव्यवस्थाओं पर नजर डालें जिन्होंने तेजी से वृद्धि दर्ज की है, तो स्पष्ट होता है कि उन्होंने उस दौरान काफी तेजी से वृद्धि की जबकि मुद्रास्फीति कम थी।’ शर्मा ने कहा, ‘उच्च मुद्रास्फीति के साथ कोई भी अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन नहीं करती। इसलिए इन देशों की सारी चमत्कारिक अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति उभरते बाजार के औसत से कम रही है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल का उल्लेख करते हुए शर्मा ने बाजार हिस्सेदारी में बढ़त के महत्व को रेखांकित किया, क्योंकि चीन का निर्यात घट रहा है और यह अधिक महंगा होता जा रहा है, वहां वेतन भी बढ़ा है।
- देश
- प्रदेश
- आलेख
- संसद में अडानी और संभल पर हंगामा, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
- किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
- दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान
- आप हारें तो ईवीएम खराब, जीते तो सब ठीक रहता है: सुप्रीम कोर्ट
- 'जम्मू-कश्मीर में पहली बार मनाया गया संविधान दिवस': पीएम मोदी
- बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए देशभर में चलाएंगे अभियान: खड़गे
- 'संविधान, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की आधारशिला': राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
- संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
- संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
- केंद्रीय कैबिनेट ने एग्रीकल्चर, रेलवे समेत कई प्रोजेक्टों को दी मंजूरी
- शिंदे या फडणवीस, कौन बनेगा मुख्यमंत्री? अजित पवार हैं किंग मेकर
- संभल हिंसा: बख्शे नहीं जाएंगे उपद्रवी, पत्थरबाजों के लगेंगे पोस्टर
- कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
- हाईकोर्ट ने राहुल की नागरिकता पर गृह मंत्रालय से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
- 'रोज सफाईकर्मियों के साथ चाय-नाश्ता करें आप विधायक': केजरीवाल
- संभल में सर्वे के दौरान बीजेपी नेता लगा रहे थे भड़काऊ नारे: अखिलेश
- एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, अब कौन होगा महाराष्ट्र का अगला सीएम
- दिल्ली में आज फिर एक्यूआई 400 पहुंचा, हाइब्रिड मोड में स्कूल क्लास
- हिंसक हुआ उदयपुर के पूर्व राजघराने का विवाद, पैलेस के बाहर पथराव
- ग्रैप में ढील: दिल्ली-एनसीआर में हाइब्रिड मोड पर खुलेंगे स्कूल-कॉलेज
- अमेरिका में एक ऐसा राज्य जो दूसरे देशों के लोगों के लिए है धनकुबेर!
- महाराष्ट्र और झारखंड़ चुनाव नतीजे तय करेंगे पीएम मोदी का भविष्य
- इंडोनेशिया में नई वीजा पॉलिसी के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी
- खूंखार इजरायली खुफिया एजेंसी "मोसाद" ऐसे देती है टारगेट को अंजाम
- झारखंड चुनाव में इस बार आदिवासी महिलाएं तय करेंगी सत्ता का ताज
- महाराष्ट्र:ओबीसी वोटरों की ताकत से किला फतह करना चाहती है बीजेपी
- धर्म निरपेक्ष दलों के समर्थन पर निर्भर होगी अब तीसरी मोदी सरकार
- अयोध्या, काशी और मथुरा वाले यूपी में मोदी को मिल रही है शिकस्त
- जाट लैंड पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को नुकसान का संकेत
- लोकसभा सीटों का बंटवारा एनडीए के लिए भी कम सिरदर्द नहीं होगा