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कोलंबो: श्रीलंका में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। पीएम महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद भी लोगों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा बल्कि गुस्साई भीड़ अब हिंसक हो गई है। उग्र भीड़ ने माउंट लवीनिया इलाके में सोमवार को पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो और सांसद सनथ निशांत के घर में आग लगा दी। कर्फ्यू के बावजूद हजारों की संख्या में भीड़ कोलंबो की सड़कों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। उग्र भीड़ महिंद्रा राजपक्षे के समर्थकों को एक-एक कर निशाना बना रही है।

इस बीच खबर है कि उग्र भीड़ ने कुरुनागला के मेयर तुषारा संजीव के घर में भी आग लगा दी है। बताया जा रहा है कि महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद सरकार समर्थक और सरकार विरोधी गुट आपस में भिड़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक इस उग्र हिंसा में एक सांसद समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हैं। गौरतलब है कि सोमवार को ही भारी दवाब के बाद श्रीलंका के पीएम महिंद्रा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

कोलंबो: श्रीलंका में आर्थिक संकट के साथ वहां अब राजनीतिक संकट भी गहराता दिख रहा है। आज प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के अनुरोध के बाद पीएम महिंदा ने यह फैसला लिया है। उनसे आपातकाल की स्थिति के बाद गहराते आर्थिक संकट के कारण पद छोड़ने का अनुरोध किया गया था।

मंत्रिमंडल को पहले ही कर दिया था सूचित

पीएम महिंदा ने श्रीलंकाई मंत्रिमंडल को पहले ही अपने इस्तीफे के बारे में सूचित कर दिया था। वहीं उनका इस्तीफा कैबिनेट में भी बिखराव लाएगा जिससे वहां अब और संकट गहरा सकता है। बता दें कि महिंदा राजपक्षे पहले कई बार कह चुके थे कि अगर श्रीलंका में आर्थिक संकट का एकमात्र समाधान उनका इस्तीफा है, तो वह ऐसा करने को तैयार हैं।

राजधानी कोलंबो में इस बीच आज सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों ने सरकार का विरोध कर रहे लोगों पर ही धावा बोल दिया।

कोलंबो: भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका की राजधानी में पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया है। सोमवार को सरकार के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़पों के बाद यह कर्फ्यू लगाया गया है। विरोध प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। इन झड़पों में कम से कम 20 घायल हुए हैं। अधिकारियों के हवाले से मीडिया रिर्पोटस में बताया गया कि राजपक्षे के समर्थकों ने डंडों और छड़ियों के साथ 9 अप्रेल से राष्ट्रपति के भवन के बाहर कैंप लगा कर बैठे निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर हमला बोल दिया।

पुलिस ने पुलिस लाइन से आगे बढ़ कर सरकार विरोधी कैंप और दूसरे ढांचे तोड़ने वाले सरकार समर्थकों पर आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की।

विपक्ष के नेता पर सरकार समर्थकों ने कथित तौर पर हमला किया। वह गोटागोगामा में शांति पूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से मिलने पहुंचे थे।

मॉस्को: यूक्रेन से जंग के बीच रूस अपना 77वां विजय दिवस मना रहा है। इसी दिन रूस ने द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की घोषणा की थी। सोमवार को 77वें विजय दिवस को संबोधित करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई सोवियत लड़ाई से की। उन्होंने कहा, यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई पश्चिमी देशों की नीतियों के खिलाफ सही समय पर दिया गया उचित जवाब है। रूस, यूक्रेन में अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हर वह चीज करें जिससे दुनिया में युद्ध फिर दोबारा न हो।

अपने भाषण में पुतिन ने कहा, नाटो हमारी सीमा पर रूस के लिए खतरा पैदा कर रहा है। यूक्रेन में रूसी सैनिक पूरी तरह से अस्वीकार्य खतरे का सामना कर रहे हैं। हम अपनी जमीन के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, यूक्रेन परमाणु हथियारों की ओर बढ़ रहा है। हमने प्रण किया है कि रूस हिटलर की तरह यूक्रेन को भी जंग में पराजित कर देगा। इस जंग में जीत हमारी ही होगी।

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