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नई दिल्ली (आशु सक्सेना): समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना की सीबीआई जांच, हाईकोर्ट के वर्तमान जज की निगरानी में किये जाने की मांग की है। अखिलेश का कहना है कि पीड़िता को सुरक्षा प्रदान की गई है, लेकिन दुर्घटना के दौरान उनके साथ एक भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना बस एक दुर्घटना थी या फिर पीड़िता के परिवार को खत्म करने की साजिश थी, इसकी जांच जरूर होनी चाहिए।

संसद भवन परिसर में उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्ची न्याय के लिए संघर्ष कर रही है और प्रशासन इस मामले में सरकार की भाषा बोल रहा है। इस सड़क दुर्घटना के तमाम पहलू हैं। जो ​सुरक्षा पीड़िता को मुहैया करवाई गई ​थी, दुर्घटना के वक्त वह कहा थी। ट्रक की नंबर प्लेट को पोता गया था। उन्होंने कहा कि यूं तो इस मामले की पहले से ही सीबीआई जांच हो रही है। लेकिन यह सड़क दुर्घटना साजिश नज़र आ रही है। लिहाजा इस मामले की उच्च स्तरीय जांच ज़रूर होनी चाहिए। ताकि हकीकत सामने आ सके कि यह दुर्घटना हत्या की साजिश थी या नही।

उन्होंने कहा, आरोपी विधायक जेल में हैं और क्षेत्र के सांसद जीतने के बाद आरोपी विधायक को धन्यवाद कहने जेल जाते हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन से कोई उम्मीद नही की जा सकती। वह मामले को रफा दफा करने की कोशिश करेगा। विधायक का प्रभाव है और जेल में रहकर भी वह प्रभावशाली है। ऐसे में इस सड़क दुर्घटना की अलग से हाई कोर्ट के वर्तमान जज की निगरानी में सीबीआई जांच की जानी चाहिए। ताकि हकीकत सामने आ सके। उन्होंने कहा कि आज संसद के दोनों सदनों में यह मामला उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाने के लिए पार्टी हर स्तर से उसके साथ खड़ी है। इस लड़ाई में सपा उनके साथ खड़ी है।

वहीं कांग्रेस ने भी इस दुर्घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है। कांग्रेस ने कहा, अदालत ने पिछले साल दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था, लेकिन परिवार के साथ कोई सुरक्षा गार्ड नहीं था।

बता दें कि उन्नाव रेप मामला पिछले साल उस समय चर्चा में आया था जब, उस समय 16 साल की रही पीड़ित लड़की ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर न्याय के लिए प्रदर्शन किया था। पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि 2017 में नौकरी के लिए जब वह बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के घर गई थी तो उसके साथ बलात्कार किया गया था। घटना के लगभग एक साल बाद अप्रैल 2018 में लड़की ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी।

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