लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कुलदीप सेंगर पर आरोप लगाने वाली उन्नाव रेप पीड़िता एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसे में पीड़िता की मां, चाची और ड्राइवर की मौत हो गई, वहीं पीड़ित महिला और उसके वकील गंभीर हालत में है। हादसा उस समय हुआ जब पीड़ित लड़की अपने परिवार के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलकर वापस लौट रही थी। लड़की के चाचा जो उसका केस लड़ रहे थे वह इस समय रायबरेली जेल में हैं।
पुलिस ने बताया कि हादसे के दौरान भारी बारिश हो रही थी, जब रायबरेली के गुरबख्श गंज इलाके में उल्टी दिशा से आ रही ट्रक ने कार को सामने से टक्कर मार दी। हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए। पुलिस ने बताया कि ट्रक को जब्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि हादसे के आरोपी ट्रक ड्राइवर और ट्रक मालिक को गिरफ्तार कर लिया है।
अखिलेश यादव के निर्देश पर पीड़ित परिवार को देखने सपा नेता सुनील साजन, उदयवीर सिंह और आनंद भदौरिया ट्रामा सेंटर पहुंचे। सपा ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा कहां थी। सपा ने सड़क दुर्घटना की भी सीबीआई जांच की मांग की हैं। सपा का कहना है कि पीड़ित परिवार की हर संभव मदद सपा करेगी।
बता दें कि उन्नाव रेप मामला पिछले साल उस समय चर्चा में आया था जब, उस समय 16 साल की रही पीड़ित लड़की ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर न्याय के लिए प्रदर्शन किया था। पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि 2017 में नौकरी के लिए जब वह बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के घर गई थी तो उसके साथ बलात्कार किया गया था। घटना के लगभग एक साल बाद अप्रैल 2018 में लड़की ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी।
मालूम हो कि पीड़ित लड़की के पिता जो उसका केस लड़ रहे थे, कथित रूप से उनकी मौत कुलदीप सेंगर के भाई द्वारा गंभीर रूप से पिटाई के बाद हो गई थी। लड़की के पिता पर पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था और दो दिनों तक हिरासत में रखा था। पुलिस की निष्क्रियता से निराश लड़की ने आत्मदाह का प्रयास किया था।
कौन है कुलदीप सिंह सेंगर
कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी और सेंगर ने वर्ष 2002 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर उन्नाव से जीता था। इसके बाद कांग्रेस का साथ छोड़कर 2007 में सेंगर ने बसपा की टिकट पर बांगरमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की, लेकिन मायावती से भी ज्यादा वक्त तक नहीं बनी और सेंगर ने पार्टी छोड़ दी। 'हाथी' का साथ छोड़ने के बाद कुलदीप सेंगर ने 'साइकिल' की सवारी शुरू की, और 2012 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी की टिकट पर लड़ा। मुलायम ने सेंगर को भगवंत नगर सीट से टिकट दी, और यहां कुलदीप की जीत हुई। इसके बाद राज्य में बदलते माहौल को भांपकर कुलदीप सिंह सेंगर ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया।
उत्तर प्रदेश में 2017 में हुआ विधानसभा चुनाव कुलदीप सेंगर ने भाजपा की टिकट पर बांगरमऊ सीट से लड़ा, और चौथी बार जीत हासिल की। कुलदीप सिंह सेंगर ने 2007 में चुनावी घोषणापत्र में अपनी कुल संपत्ति 36 लाख बताई थी और 2012 में यही संपत्ति एक करोड़ 27 लाख की हो गई। वहीं 2017 के चुनावी घोषणापत्र के मुताबिक, सेंगर की संपत्ति 2 करोड़ 14 लाख तक पहुंच गई।