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वाराणसी: दोबारा देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। अपने तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 10.30 बजे वह वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भारतीय वायुसेना के विमान से पहुंचे। एयरपोर्ट पर मौजूद राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय सहित कई भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया।

स्वागत कार्यक्रम के बाद पीएम मोगी ने बाबतपुर एयरपोर्ट पर लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण किया। वाराणसी एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत लाल बहादुर शास्त्री के दोनों बेटों अनिल शास्त्री और भाजपा नेता सुनील शास्त्री ने किया है। प्रतिमा अनावरण के बाद पीएम मोदी सुबह सड़क मार्ग से हरहुआ स्थित प्राथमिक विद्यालय कैंपस पंचकोशी मार्ग पर नवग्रह वाटिका पहुंचे, जहां उन्होंने पूजा-पाठ के साथ वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की। उन्होंने पीपल का पौधा लगाया और बच्चों को पौधे सौंपे।

यहां से पीएम मोदी टीएफसी यानी दीन दयाल हस्तकला संकुल में पहुंचे, जहां उन्होंने भाजपा सदस्यता अभियान की शुरुआत की। इस दौरान पीएम मोदी ने पांच समाजसेवियों को सदस्य बनाया। पांचों समाजसेवियों ने 8980808080 पर मिस कॉल कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने सबसे पहले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नमन और श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सफल भाजपा सदस्यता अभियान के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि काशी की पावन धरती से मैं भाजपा के हर समर्पित कार्यकर्ता का अभिवादन करता हूं। आज मुझे काशी से भाजपा के सदस्यता अभियान को शुरू करने का अवसर मिला है। हमारे प्रेरणापुंज डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती पर इस कार्यक्रम की शुरुआत होना सोने पर सुहागा है।

उन्होंने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी श्रद्धांजलि देता हुए कहा कि ये संयोग है कि ये भवन पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर है और इस कार्यक्रम का शुभारंभ हमारी काशी से शुरु हो रहा है, यानि एक त्रिवेणी बनी, जिस पर हम सदस्यता अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पेश हुए आम बजट 2019-20 का जिक्र करते हुए कहा कि देशभर में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी की गूंज हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भारतीयों की क्षमता पर शक करते हैं। मैं बड़े लक्ष्य पर देशवासियों से बात करना चाहता हूं। क्योंकि न्यू इंडिया तो अब दौड़ना चाहता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सुनाई एक कविता सुनाई। वो जो सामने मुश्किलों का अंबार है, उसी से तो मेरे हौसलों की मीनार है। चुनौतियों को देखकर, घबराना कैसा?, इन्हीं में तो छिपी संभावना अपार है। विकास के यज्ञ में जन-जन के परिश्रम की आहुति, यही तो मां भारती का अनुपम श्रृंगार है। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हमारा लक्ष्य 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का है। आगे बढ़ना ही न्यू इंडिया का लक्ष्य है। अर्थव्यवस्था बड़ी होगी तो समृद्धि भी बड़ी होगी. अच्छी आय से जीवन में बदलाव आएगा। उन्होंने अंग्रेजी में एक कहावत कही साइज ऑफ़ द केक मैटर्स यानी, जितना बड़ा केक होगा उसका उतना ही बड़ा हिस्सा लोगों को मिलेगा।

पीएम मोदी ने कहा हमने भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर दिया है। 5 ट्रिलियन इकोनॉमी कैसे होगी इसका जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब किसी भी देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है, तो वो खरीद की क्षमता बढ़ाती है, खरीद की क्षमता बढ़ती है तो डिमांड बढ़ती है। डिमांड बढ़ती है तो सामान का उत्पादन बढ़ता है, सेवा का विस्तार होता है और इसी क्रम में रोजगार के नए अवसर बनते हैं। यही प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, उस परिवार की बचत या सेविंग को भी बढ़ाती है।

लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज ज्यादातर विकसित देशों के इतिहास को देखें, तो एक समय में वहां भी प्रति व्यक्ति आय बहुत ज्यादा नहीं होती थी। लेकिन इन देशों के इतिहास में एक दौर ऐसा आया, जब कुछ ही समय में प्रति व्यक्ति आय तेजी से बढ़ी। यही वो दौर था जब ये देश विकासशील से विकसित देशों की श्रेणी में आए।

पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 5 सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर की विकास यात्रा में अहम हिस्सेदारी होगी किसान और खेती की। आज देश खाने-पीने के मामले में आत्मनिर्भर है, तो इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ देश के किसानों का पसीना है, सतत परिश्रम है। अब हम किसान को पोषक से आगे निर्यातक यानी एक्सपोटर के रूप में देख रहे हैं। अन्न हो, दूध हो, फल-सब्जी, शहद या फिर ऑर्गेनिक उत्पाद, हमारे पास निर्यात की भरपूर क्षमता है। इसलिए बजट में कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए माहौल बनाने पर बल दिया गया है। खेती के साथ-साथ ब्लू इकॉनॉमी पर भी हमारा विशेष बल है। समुद्री संसाधनों, तटीय क्षेत्रों में पानी के भीतर जितने भी संसाधन है, उनके विकास के लिए बजट में विस्तार से बात की गई है।

उन्होंने मछली व्यापार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन संसाधनों का एक बहुत बड़ा हिस्सा मछली के व्यापार का है। बीते 5 सालों में इस दिशा में हमने बहुत प्रगति की है, लेकिन फिर भी इस क्षेत्र में पूरी क्षमता से काम करने की अनेक संभावनाएं बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत गहरे समंदर में मछली पकड़ना, स्टोरेज, उनकी वैल्यू एडिशन को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे मछली के एक्सपोर्ट में हमारी भागीदारी कई गुणा बढ़ेगी।

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