लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर बना रही है और उन पर आरएसएस की विचारधारा थोप रही है। नोटबंदी और जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। छोटे कारोबारी पूरी तरह तबाह हो गये। सपा अध्यक्ष ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में जहां उपस्थित कार्यकर्ताओं को उपचुनावों के साथ 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अभी से तैयारियों में जुट जाने का आह्वान किया, वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ संवाद के क्रम में पर्यावरण सरंक्षण, अवैध खनन और किसान-गांव के बारे में भी अपने विचार रखे।
यादव ने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे 2022 की सरकार में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में जनसंवाद स्थापित करें। भाजपा सरकार में किसान और नौजवान सबसे ज्यादा परेशान रहे हैं। नौजवानों का भविष्य अंधकार में है जबकि किसानों को झूठे वादो से गुमराह किया है। गांव-गांव में उत्पीड़न की कार्यवाही की जा रही है। किसानों के बिजली के बिल बढ़ाए जा रहे हैं। एक्सप्रेस-वे पर टैक्स और शराब पर सेस लगा है, लेकिन गायों की रक्षा नहीं हो रही है। गौशालाओं में गायें मर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा घर-घर तक सच पहुंचना चाहिए। भाजपा सरकारें केन्द्र की हों या राज्य की, हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। जनता का हर वर्ग परेशानी में है। सन् 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर फिर से विकास कार्यों में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर बना रही है और उनपर आरएसएस की विचारधारा थोप रही है। नोटबंदी जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। छोटे कारोबारी पूरी तरह तबाह हो गये।
अखिलेश यादव से मिलने आए दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने कहा कि उन्होंने लखनऊ में डाॅ. लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र पार्क देखा और पाया कि पूर्व मुख्यमंत्री जी तथा समाजवादी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है। कुछ युवाओं ने बेरोजगारी का सवाल उठाया और कहा कि भाजपा सरकार में उनके लिए रोजगार के रास्ते बंद हो गए हैं। वहीं बांदा, हमीरपुर में अवैध खनन पर भी चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि खनन माफियाओं ने भाजपा सरकार में आतंक मचा रखा है। उन्होंने नदियों की दशा पर चिंता जताई और कहा कि समाजवादी सरकार में गोमती नदी तथा वरूणा नदी को निर्मल बनाने की दिशा में काम हुआ था। गोमती नदी पर रिवरफ्रंट जैसा मनोरमस्थल भी बना था। नौजवानों की भावनाओं से अपने को सम्बद्ध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पर्यावरण बिगड़ने से पृथ्वी पर जीवन को संकट पैदा हो गया है। मौसम में परिवर्तन का लोगों के स्वास्थ्य और वनस्पतियों पर कुप्रभाव नज़र आने लगा है। गर्मी का प्रकोप इसी कारण है। पानी का जल स्तर गिरता जा रहा है इससे जल संकट पैदा हो रहा है। खेती-किसानी और पेयजल का अभाव काफी नुकसान करेगा। इस सम्बंध में चिंता करनी होगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि आम नागरिकों और बुद्धिजीवियों की भागीदारी वृक्षारोपण, जल संरक्षण, पर्यावरण बचाव में होनी चाहिए। धरती मां को अपनी मां का स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सोचना होगा कि हम आनेवाली पीढ़ी को कैसी हवा, पानी, मिट्टी देकर जाएंगें। स्थायी विकास के लिए भविष्य के प्रति जागरूक होना समय की मांग है। इसकी उपेक्षा घातक होगी।