लखनऊ: केन्द्र की अगली गैर भाजपा सरकार के गठन के मकसद से गठबंधन बनाने की कवायद में तेलुगुदेशम पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू शनिवार शाम सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती से मिले। राजधानी के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नायडू सीधे विक्रमादित्य मार्ग स्थित सपा कार्यालय के लिए रवाना हुए। सपा कार्यालय पहुंचने पर अखिलेश ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान बडी संख्या में सपा के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
अखिलेश ने इस मुलाकात के बारे में टवीट किया, 'सम्माननीय मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडू जी का लखनउ में स्वागत कर प्रसन्नता हुई।' सपा सूत्रों ने बताया कि भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन तैयार करने को लेकर दोनों नेताओं के बीच संभवत: चर्चा हुई है। अखिलेश से मुलाकात के बाद नायडू सीधे मायावती के माल एवेन्यू आवास के लिए रवाना हुए, जहां बसपा सुप्रीमो ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया । दोनों नेताओं ने एक दूसरे का अभिवादन किया। नायडू ने मायावती को आंध्रप्रदेश के आम भेंट किये। मुलाकात के दौरान बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे।
नायडू ने नयी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाकपा नेता जी सुधाकर रेडडी और डी राजा, राकांपा प्रमुख शरद पवार और एलजेडी नेता शरद यादव से मुलाकात के बाद लखनऊ का रूख किया। नायडू तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से कई दौर की बैठकें पहले ही कर चुके हैं। नायडू की तेदेपा पहले राजग में शामिल थी लेकिन कुछ ही महीने पहले वह गठबंधन से अलग हो गयी। विपक्षी दल अगली सरकार के गठन में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त मोर्चा तैयार करने में संलग्न हैं।
विपक्षी दल अगली सरकार के गठन में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त मोर्चा तैयार करने में संलग्न हैं। गौरतलब है कि नायडू ने इससे पहले नयी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाकपा नेता जी. सुधाकर रेड्डी और डी राजा, राकांपा प्रमुख शरद पवार और एलजेडी नेता शरद यादव से मुलाकात की।
सूत्रों ने बताया कि नायडू ने गांधी से यह भी कहा कि अगर भाजपा को पर्याप्त सीटें नहीं मिलती हैं और फिर भी सरकार बनाने का दावा करती है तो ऐसी स्थिति में रणनीति तैयार रखनी चाहिए। नायडू की तेदेपा राजग का हिस्सा रही है और उसने कुछ महीने पहले गठबंधन छोड़ दिया था। नायडू ने शुक्रवार (17 मई) को कहा था कि न केवल तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) बल्कि भगवा पार्टी का विरोध करने वाले किसी भी दल का महागठबंधन में स्वागत है। विपक्षी दल अगली सरकार बनाने के लिए संयुक्त भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने पर जोर दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को घोषित होने के बाद विभिन्न विपक्ष दलों के बीच चर्चा तेज हो सकती है।
सभी गैर राजग दलों को एक साथ लाने के प्रयासों के बीच में कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने कांग्रेस तथा उनकी पार्टी के सदस्यों से एक-दूसरे के खिलाफ विवादित बयान ना देने का अनुरोध किया। उन्होंने ट्वीट किया, ''हम केंद्र में नयी सरकार बनाने की कगार पर हैं। इस मोड़ पर जब केंद्र में गैर भाजपा सरकार बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं तो ऐसे में गठबंधन नेताओं के विरोधाभासी बयान ऐसे प्रयासों को बिगाड़ सकते हैं।"
कुमारस्वामी ने कहा, ''इसलिए दोनों पार्टियों के नेताओं से मेरा विनम्र अनुरोध है कि जनता में विरोधाभासी-विवादित बयान देने से बचे।" बहरहाल, पूर्व प्रधानमंत्री और जद(एस) नेता एच डी देवेगौड़ा ने कहा कि वे सभी एकजुट हैं और कांग्रेस अगली सरकार बना रही है। कर्नाटक में पिछले कुछ समय से कांग्रेस और उसकी गठबंधन की सहयोगी जद(एस) के बीच वाकयुद्ध चल रहा है।