लखनऊ: लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के प्रचार पर बंगाल में बैन लगाने के चुनाव आयोग के कदम पर टीएमसी और कांग्रेस के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने निशाना साधा है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बंगाल में पीएम मोदी की दो रैलियां हैं, प्रचार पर सुबह से क्यों नहीं बैन लगाया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है। मायावती ने कहा, 'चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में प्रचार पर गुरुवार रात 10 बजे से प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि प्रधानमंत्री की दिन के वक्त दो रैलियां हैं। अगर उन्हें प्रतिबंध लगाना ही था, तो आज सुबह से ही क्यों नहीं? यह पक्षपातपूर्ण है। इससे साफ है कि चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है।
बता दें, भारत के चुनावी इतिहास में इस तरह की पहली कार्रवाई में चुनाव आयोग ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के नौ लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार गुरुवार को रात 10 बजे समाप्त करने का आदेश दिया है। निर्धारित समयानुसार प्रचार एक दिन बाद शुक्रवार शाम को समाप्त होना था। आयोग ने मंगलवार को कोलकाता में भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच झड़पों के बाद यह फैसला किया है।
साथ ही मायावती ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा प्रमुख अमित शाह तथा उनके नेता (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख) ममता बनर्जी को निशाना बना रहे हैं, योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। यह बेहद खतरनाक और अन्यायपूर्ण ढर्रा है, जो देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता।'
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोडशो के दौरान भड़की हिंसा की पृष्ठभूमि में चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में 16 मई की रात को ही चुनाव प्रचार रोकने के फैसले पर सवाल खड़ा किया और दावा किया कि आज 'लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन' है क्योंकि आयोग ने प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को रैलियों की इजाजत दी।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, 'लोकतंत्र के इतिहास में आज काला दिन है। पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया का अनुपालन नहीं हुआ है तथा आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया। यह संविधान के साथ किया अक्षम्य विश्वासघात है।'
साथ ही उन्होंने दावा किया, 'प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ चुनाव आयोग में 11 शिकायतें की हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा के द्वारा हिंसा की गई और अमित शाह द्वारा धमकाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब मोदी जी को 16 मई को रैलियों की इजाजत दी गई और दूसरे सभी लोगों को प्रतिबंधित कर दिया गया। यह कभी एक स्वतंत्र संवैधानिक इकाई रही संस्था में शर्मनाक गिरावट है।'
वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि यह आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार दिया है जो ‘अभूतपूर्व, असंवैधानिक और अनैतिक' है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले कभी इस तरह का चुनाव आयोग नहीं देखा जो ‘आरएसएस के लोगों से भरा पड़ा' है। बनर्जी ने दावा किया, ‘पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की ऐसी कोई समस्या नहीं है कि अनुच्छेद 324 लागू किया जाए। यह अभूतपूर्व, असंवैधानिक और अनैतिक है। यह दरसअल मोदी और अमित शाह को उपहार है।''
बता दें, चुनाव आयोग ने 19 मई को चुनाव के अंतिम चरण के लिए प्रचार को समय से पहले थामने के लिए संविधान के अनुच्छेद 324 को लागू किया है। आयोग ने पश्चिम बंगाल के प्रधान सचिव (गृह) अत्रि भट्टाचार्य और सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार को उनके पदों से हटाने का भी आदेश दिया है। इस पर बनर्जी ने कहा कि दोनों अधिकारियों को ‘चुनाव आयोग ने नहीं, बल्कि मोदी और अमित शाह ने हटाया है।'