वाराणसी: बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर ने चुनाव आयोग की ओर से मिले नोटिस पर मीडिया के सामने अपनी बात रखी है। मीडिया से अपनी बात कहते हुए तेज बहादुर ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा जब से समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपना प्रत्याशी बनाया है तब से भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है।
मीडिया ने जब दो शपथ पत्रों में अलग-अलग सूचना देने पर सवाल पूछा तो तेज बहादुर ने बताया कि यह उनके फॉर्म मे कोई कमी होती तो चुनाव अधिकारी को उसी वक्त बताना चाहिए। जिस डाकुमेंट की कमी होती उसे पूरा किया जाता। लेकिन अब मंगलवार को शाम तीन बजे उन्हें चुनाव अधिकारी ने नोटिस भेजा और बुधवार सुबह 11 बजे तक केंद्रीय निर्वाचन कार्यलय से प्रमाणित दस्तावेज लाने के लिए कहा गया है। तेज बहादुर का आरोप है ऐसा उन्हें परेशान करने और चुनाव लड़ने से रोकने के लिए किया जा रहा है। बीएसएफ से बर्खास्त होने का कारण पूछने पर तेज बहादुर ने बताया कि उन्हें किसी भ्रष्टाचार के कारण नहीं बर्खास्त किया गया, बल्कि उन्हें अनुशासनात्क कार्रवाई के तौर पर बर्खास्त किया गया।
उन्होंने कहा चुनाव आयोग के नियम अनुसार, भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर्मचारी ही चुनाव नहीं लड़ सकता। हालांकि जिला चुनाव अधिकारी वाराणसी ने तेज बहादुर को जिन धाराओं को नियमों के तहत नोटिस भेजा है उसका पूरा ब्यौरा भी नोटिस में दिया है। पूर्व जवान तेज बहादुर ने बताया कि पहले उन्होंने 24 अप्रैल को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन भरा था। इसके के बाद गठबंधन ने उन्हें 29 अप्रैल को अपना उम्मीदार बनाया। अब उनकी पूरी कोशिश है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ें।