लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 30 जून तक लंबित जनता की सभी शिकायतों को 31 जुलाई तक निपटाने के निर्देश दिए हैं। योगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों से रूबरू हुए। उन्होंने शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण समाधान की स्थिति जानी। इस दौरान ऐसा पहली बार हुआ जब किसी मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ताओं से भी सीधे बात की और उनकी संतुष्टि के बारे में जाना.। योगी ने आज (गुरूवार) जन शिकायतों के प्रभावी निस्तारण के निर्देश देते हुए अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक स्तर पर एक कोर टीम बनाकर 30 जून तक लंबित सभी शिकायतों को अभियान चलाकर 31 जुलाई तक निपटारा करना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता दर्शन कार्यक्रम में उनके पास रोज 4 से 6 हज़ार शिकायतें आती हैं। इनमें तमाम सामान्य सी शिकायतें हैं, लेकिन निचले स्तर पर वे दूर नहीं हो रही हैं। असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिनका समाधान तहसील व थानों पर होना चाहिए वो वहां नहीं हो पा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फरियादियों की समस्या सामान्य सी होती है। ज़मीन कब्ज़ा करना, मुकदमा दर्ज ना होना और विवेचना में समय लगना आदि, ये रूटीन कार्य ही है लेकिन निचले स्तर पर इसे दूर नहीं किया जा रहा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गौतम बुद्ध नगर में राशन कार्ड की शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को परेशान किया गया। यह आवश्यक है कि जिनसे सम्बंधित शिकायत है, उसे उसी स्तर पर दूर किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि 30 जून तक लंबित जितनी शिकायतें हैं, उनका 31 जुलाई तक निस्तारण होना चाहिए। डीएम और एसपी शिकायतों की रोज समीक्षा करें। समीक्षा के दौरान 10 जिलों में प्रशासन से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें मिलीं। पुलिस के स्तर पर 3 लाख 7 हज़ार शिकायत है। आज़मगढ़, वाराणसी, लखनऊ, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी सुल्तानपुर और गौतम बुद्ध नगर के डीएम स्तर पर शिकायतें क्रमश: सबसे ज्यादा लंबित हैं। आज़मगढ़ में तो सबसे ज्यादा शिक़ायत है। आज़मगढ़, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, इलाहाबाद, लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी और सुल्तानपुर जिलों के डीएम और एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए।