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लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ मंत्रिमंडल ने अपनी पहली बैठक में प्रदेश के दो करोड़ 15 लाख किसानों को फायदा देते हुए 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का अहम फैसला लिया। इससे छोटे और सीमांत किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा। सरकार ने किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया है। सरकार ने किसानों द्वारा किसी भी बैंक से लिया गया फसली कर्ज माफ किया है। इसके लिए सभी किसानों के खातों में फौरन भुगतान किया जाएगा। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में यह जानकारी दी। इससे पहले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसलों को मीडिया के सामने रखा। उन्‍होंने बताया कि बैठक में प्रदेश के किसानों को बिचौलियों से भी मुक्त करने का फैसला लिया गया है। सरकार 80 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदेगी. इसके साथ ही अवैध बूचड़खानों को बंद किए जाने का फैसला भी लिया गया। उन्‍होंने सीएम योगी आदित्‍यनाथ द्वारा गठित एंटी रोमियो दस्‍ते को लेकर कहा कि 'अगर कोई कपल किसी सार्वजनिक स्‍थल पर बैठे हैं, तो अनावश्‍यक रूप से उनसे पूछताछ किए जाने की शिकायत पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्‍होंने बताया कि 'सरकार ने पाया है कि आलू के उचित मूल्‍य किसानों को नहीं मिलते, इसके लिए तीन लोगों की कमेटी बनाई गई है।

सरकार ने बड़ा फैसला यह भी लिया है कि कमेटी इस बात का अध्‍ययन करेगी कि आने वाले समय में हम आलू पैदा करने वाले किसान को किस तरह से राहत दे सकें। उन्‍होंने आगे बताया कि ''यूपी में बड़े तादाद में पूंजी निवेश को लेकर राज्‍य सरकार ने नई उद्योग नीति बनाने का फैसला किया है। इसके लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है, जो अलग-अलग राज्‍यों में जाकर वहां की उद्योग नीति की बारीकियों का अध्‍ययन करेगा और प्रदेश में सिंगल विंडो के माध्‍यम से एक अच्‍छी उद्योग नीति का यहां निर्माण कर सकें। उन्‍होंने आगे कहा कि 'राज्‍य में जिस तरह से अपराध का बोलबाला रहा है, उस पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। वहीं, मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि 'अवैध खनन पर निगरानी के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया है।' उल्‍लेखनीय है कि चुनावों के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा करते हुए कहा था कि बीजेपी सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में छोटे और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। उससे पहले बीजेपी के संकल्‍प पत्र (घोषणापत्र) में भी ऐसा ही चुनावी वादा किया गया था। प्रदेश में इस वक्त लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं. प्रदेश में लघु एवं सीमांत कृषकों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है। प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाओं के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों की आर्थिक दशा गंभीर हो गई है।

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