इलाहाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मोजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून का लक्ष्य है, हर नागरिक का कल्याण. पीएम मोदी ने कहा कि हाईकोर्ट के 150 साल पूरे होने वाले कार्यक्रम का आज समापन समारोह हो रहा है लेकिन साल भर चला ये समारोह समापन के साथ नई ऊर्जा, नई प्रेरणा, नए संकल्प और नए भारत के सपने को पूरा करने की ताकत बन सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के न्याय विश्व में इलाहाबाद का 150 साल पुराना तीर्थक्षेत्र है। यहां आने को मैं अपना गौरव मानता हूं, चीफ जस्टिस साहब अपना अनुभव सुना रहे थे, मैं मन से सुन रहा था। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे यकीन है कि उनके संकल्प पूरे होंगे। जहां तक सरकार का सवाल है, जिस संकल्प को आप प्रेरित कर रहे हैं, हम उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि जब इलाहाबाद कोर्ट के 100 साल हुए थे, तब राष्ट्रपति राधाकृष्णन यहां आए थे। उन्होंने कहा था-कानून एक ऐसी चीज है, जो लगातार बदलती रहती है। कानून लोगों के स्वभाव और पारंपरिक मूल्यों के अनुकूल होना चाहिए। कानून को चुनौतियों का ध्यान रखना चाहिए. किस तरह की जिंदगी हम गुजारना चाहते हैं, कानून का क्या कहना है। कानून का लक्ष्य है- हर नागरिक का कल्याण. केवल अमीर का ही नहीं. इसे ही पूरा किया जाना चाहिए।" पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांधीजी कहते थे कि हम कोई भी निर्णय करें तो इसकी कसौटी क्या हो।
वे कहते थे कि अगर फैसला लेने में दुविधा हो तो सोचिए कि आखिरी छोर पर बैठे शख्स पर इसका असर क्या होगा। आप सही फैसला ले पाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि गांधीजी ने आजादी के वक्त लोगों को उनकी क्षमता के हिसाब से ढाल दिया था।वकीलों का भी इसमें योगदान रहा है। गांधीजी ने आजादी का जज्बा जगाया।" उन्होंने कहा कि 2022 में आजादी के 75 साल हो रहे हैं। क्या इलाहाबाद से देश को प्रेरणा मिल सकती है। क्या हम कोई रोडमैप तय कर सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि लोग ऐसा नहीं कर सकते। 2022 में हम गांधीजी-राधाकृष्णन के मूल्यों पर देश को आगे ले जा सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि देश के सवा सौ करोड़ लोगों का सपना देश को सवा सौ करोड़ कदम आगे ले जा सकता है। पीएम ने कहा कि पहले मैंने कहा था कि मुझे ये तो नहीं पता कि कितने कानून बनाऊंगा लेकिन रोज एक कानून खत्म करूंगा। अब तक 1200 कानून खत्म कर दिए हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट के 150 वर्ष पूर्ण होने पर साल भर से चल रहे कार्यक्रम के समापन समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून को सबसे ऊपर माना है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। कानून का स्थान शासक से भी ऊपर है। कोई भी समाज कानून से ही चलता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि न्यायालयों में लंबित प्रकरणों को जल्द खत्म करने की पहल न्यायपालिका ने ही की है। वैसे भी कानून से बढ़कर कोई नहीं है। कानून से ही शिकायतों का हल निकलता है। न्यायिक प्रणाली पर चिंतन अमूल्य है। यहां तक कि कानून का स्थान शासक से बढ़कर है। न्याय व विधि एक दूसरे के पूरक हैं और इंसाफ देना सबसे बड़ा धर्म है। योगी ने आगे कहा कि वादियों को निष्पक्ष न्याय दिलाना कर्तव्य है। कानून से ऊपर कोई भी राजा काम नही कर सकता, कानून से ही शिकायतों का निस्तारण हो पाता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब-जब लोकतंत्र पर संकट आया, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरी निष्ठा के साथ उसे बचाया। न्यायालय ने कुछ ऐसे फैसले दिए, जिसने भारतीय समाज को नई दिशा दी। वैसे समाज कानून से चलाता है और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट का इतिहास गौरवशाली रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरे लिए बहुत हर्ष का विषय है कि मुझे हाईकोर्ट के 150 साल पूरे होने के समापन कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला। इलाहाबाद हाई कोर्ट के 150 वर्ष पूर्ण होने पर साल भर से चल रहे कार्यक्रम का आज समापन हो रहा है। इसमें हिस्सा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यपाल राम नाइक भी इलाहाबाद में पहुंचे। इस समारोह में भारत के प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर और कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद और हाई कोर्ट के कई न्यायाधीश एवं विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश शामिल हुए। हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और राज्य के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह एवं नंद गोपाल गुप्ता भी मौजूद थे। जहां मौर्य फूलपुर से लोकसभा सदस्य हैं, सिंह और नंदी क्रमश: इलाहाबाद पश्चिम और इलाहाबाद दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। पिछले महीने उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी की यह पहली इलाहाबाद यात्रा है। पिछले साल नगर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए यहां की दो दिवसीय यात्रा के दौरान मोदी थोड़े समय के लिए उच्च न्यायालय गए थे और न्यायाधीशों एवं बार के सदस्यों से बातचीत की थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम की शुरआत पिछले साल मार्च में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की थी।