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लखनऊ: उत्तर प्रदेश प्रशासन बीते पांच दिनों से लगातार अवैध बूचड़खानों को बंद करा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश के आधे से ज्यादा वैध बूचड़खानों को भी अस्थायी रूप से बंद किया गया है। हालांकि, इन्हें बंद करने के पीछे इन बूचड़खानों का दिशा निर्देशों का पालन न करना बताया गया है। अवैध बूचड़खानों पर तालाबंदी के बीच सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, 'यूपी के अवैध बूचड़खानों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी, वैध बूचड़खानों को डरने की जरूरत नहीं है। सिर्फ उनके खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी जो गलत काम करते हैं।' यूपी में 44 लाइसेंस बूचड़खानों में 26 को बंद किया गया है। मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने कहा कि बीते पांच दिनों में 26 लाइसेंस बूचड़खानों पर भी ताला लगाया गया है। उन्होंने कहा, 'इन 26 बूचड़खानों पर नियमों का उल्लंघन का आरोप है। हालांकि, इनको हमेशा के लिए बंद नहीं किया गया है, बस कुछ समय के लिए बंद किया गया है।' मुख्य सचिव ने आगे कहा कि बंद वैध बूचड़खाने जब नियमों का पालन करने लगेंगे, इन्हें दोबारा खोलने के आदेश दे दिए जाएंगे। अवैध बूचड़खानों पर हो रही कार्रवाई के बारे में बोलते हुए राहुल भटनागर ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं।

वहीं, प्रदेश में चल रही मीट व्यापारियों की हड़ताल पर उन्होंने कहा कि अभी तक किसी ने भी उनसे इस बारे में मुलाकात नहीं की है। बता दें कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तीन दिन बाद 22 मार्च को प्रदेश के सभी डीएम, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों आदि को अवैध बूचड़खानों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए थे।

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