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कानपुर: कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रहने की बात करते हुये कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आज (गुरूवार) कहा कि लोकसभा चुनाव तक और भी धर्मनिरपेक्ष पार्टियां इस गठबंधन में शामिल होंगी। वहीं बसपा के इन दलों में शामिल होने की संभावना के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पार्टी का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन भाजपा को हराने के लिये सभी सेक्यूलर पार्टियां एक साथ होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुये आजाद ने कहा कि ‘नाम सिकंदर रखने से कोई बख्त सिकंदर हो न सका।’ अर्थात सिकंदर नाम रख लेने से कोई भी आदमी सिकंदर नही बन जाता है। मोदी प्रधानमंत्री तो बन गये लेकिन उनमें प्रधानमंत्री पद वाली परिपक्वता और गंभीरता नहीं आ सकी। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘तभी उनके चुनावी भाषणों का स्तर काफी हद तक नीचे आ गया है। इस बारे में मैंने प्रधामंत्री मोदी से संसद में भी कहा था कि वह पद की गरिमा बनाये रखें।’ बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती के बारे में कांग्रेस नेता ने कहा कि बसपा अब अकेली पड़ गयी है, क्योंकि उसकी नेता मायावती के ‘‘खाने के दांत अलग हैं और दिखाने के अलग’। उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में सेक्यूलर ताकतों को नुकसान हुआ और उसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला और वह प्रदेश में 73 सीटें जीत गयीं।

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस, सपा, बसपा और आरएलडी सब मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ते तो भाजपा प्रदेश में 10 से 15 सीटों के बीच ही सिमट जाती। आजाद ने कहा, ‘जो गलती हम 2014 के लोकसभा चुनाव में कर चुके थे उस गलती को हम 2017 के विधानसभा चुनाव में दोहराना नहीं चाहते थे क्योंकि अगर सब अलग-अलग लड़े तो एक बार फिर भाजपा को फायदा हो जाएगा। इसलिये हमने गठबंधन किया ताकि सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें एक साथ हो सकें।’ कांग्रेस नेता आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तीसरी सेक्यूलर ताकत बसपा अब अकेली पड़ गयी है। उसकी असलियत अब जनता को पता चल जाएगी। उन्होंने कहा, ‘मैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में था जिसमें एक वीडियो क्लिप देखने को मिली। उसमें बसपा नेता मायावती कह रही है कि जब मैंने देखा कि मुसलमानों का वोट मेरी तरफ से जाने लगा तो मैंने अपना वोट भारतीय जनता पार्टी को ट्रासंफर कर दिया।‘ आजाद के मुताबिक, ‘इसका मतलब यह है कि जब कोई मुसलमान जीतने लगता है तो वह यानि बसपा सुप्रीमो अपना वोट भाजपा को ट्रांसफर करने लगती हैं। मायावती के खाने के दांत अलग है और दिखाने के दांत अलग हैं ।’ एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी के बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा, ‘ओवैसी जज्बाती बातें कर मुस्लिमों को बांटना चाहते हैं। लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार में उनकी कलई खुल गयी है। अब मुसलमान समझ गये हैं कि इनको वोट देने से भाजपा को फायदा होगा। ओवैसी की पार्टी की खासियत है कि यह हमेशा उसे समर्थन करती है जो पार्टी सत्ता में होती है, चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस। इसलिये मुसलमानों को ओवैसी की पार्टी को अपना वोट देकर खराब नहीं करना चाहिए।’उत्तर प्रदेश में कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गठबंधन को कितनी सीटें मिलेंगी, इस सवाल के जवाब में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा, ‘मैं उत्तर प्रदेश का जबरदस्त दौरा कर रहा हूं अभी तक जहां दो चरण का मतदान हो चुका है वहां मैं यह बात दावे से कह सकता हूं कि सपा कांग्रेस गठबंधन नंबर एक पर रहेगा।’ उन्होंने कहा, ‘अब मैं तीसरे चरण के चुनावों के क्षेत्रों में सपा और कांग्रेस दोनों उम्मीदवारों के लिये प्रचार कर रहा हूं तो मुझे तो उत्तर प्रदेश में गठबंधन की लहर दिख रही है। और हमें उम्मीद है कि सपा कांग्रेस गठबंधन 275 से अधिक सीटे जीतेंगा और दोबारा अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनेगी।’ उन्होंने कहा, ‘सपा कांग्रेस का यह गठबंधन आगे 2019 के लोकसभा चुनाव तक चलेगा क्योंकि अब हम दोनों को इस बात का अहसास हो गया है कि अगर उत्तर प्रदेश में सेक्यूलर ताकतों को मजबूत करना है तो हम दोनों को साथ साथ रहना होगा।’आजाद से पूछा गया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में क्या इस गठबंधन में बसपा को भी शामिल करेंगे तो उन्होंने कहा कि हम सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को भाजपा से लड़ने के लिए एक छत के नीचे लाने की कोशिश करेंगे। अब कौन आता है और कौन नही यह भविष्य की बात है।

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