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देहरादून: उत्‍तराखंड में 45 दिन बाद हरीश रावत सरकार की ताजपोशी का रास्‍ता बुधवार को फिर साफ हो गया है। उत्तराखंड विधानसभा के फ्लोर टेस्ट के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आए और बहुमत हासिल किया। जश्न और बधाइयों के बीच हरीश रावत एक बार फिर उत्तराखंड के सीएम के तौर पर वापसी कर रहे हैं। उन्होंने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पिछला कुछ समय हमारे लिए असमंजस से भरा रहा है, लेकिन अंत भला सो सब भला। सुप्रीम कोर्ट से फ्लोर टेस्‍ट के नतीजे सामने आने के बाद हरीश रावत ने आज मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं समूची राजनीतिक स्थिति में हस्तक्षेप करने और निर्णायक भूमिका में आने के लिए उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय को धन्यवाद देता हूं। न्यायपालिका ने लोकतंत्र में फिर से विश्वास बहाल किया है। हम लोग खराब दौर को छोड़कर आगे देखना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि शक्ति परीक्षण के दौरान समर्थन के लिए बसपा प्रमुख मायावती का धन्‍यवाद किया। रावत ने कहा कि उन्‍हें पीएम मोदी से सहयोग की उम्‍मीद है। रावत ने यह भी कहा कि हम लोगों को आगे बढ़ने के लिए केंद्र के सक्रिय समर्थन की जरूरत होगी। प्रधानमंत्री से मिलेंगे और राज्य के लिए उनसे सहयोग मांगेंगे। रावत ने कहा कि अब हम नई शुरुआत कर सकेंगे और राज्य के हित के लिए यह आवश्यक है। उत्‍तराखंड में हरीश रावत की दोबारा ताजपोशी का रास्‍ता साफ; शक्ति परीक्षण में मिला बहुमत, राष्‍ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश और पढ़ें उत्‍तराखंड में हरीश रावत की दोबारा ताजपोशी का रास्‍ता साफ; शक्ति परीक्षण में मिला बहुमत, राष्‍ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण पर अपनी मंजूरी की मुहर लगा दी, जिसके पश्चात कांग्रेस के नेता हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से अपदस्थ किए जाने के छह सप्ताह बाद फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने अपनी व्यवस्था में कहा कि रावत को शक्ति परीक्षण में 61 में से 33 वोट मिले। मतदान में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। नौ विधायक अपनी अयोग्यता के कारण मतदान नहीं कर सके। साथ ही पीठ ने राष्ट्रपति शासन को वापस लेने का आदेश दिया ताकि 68 वर्षीय रावत मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाल सकें। देहरादून में यह खबर फैलते ही जश्न शुरू हो गया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर कल राज्य विधानसभा में संपन्न हुए शक्ति परीक्षण में रावत जीत गए हैं। इस घटनाक्रम को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है जिसने उत्तराखंड में विनियोग विधेयक पर मतदान के दौरान कांग्रेस के नौ विधायकों के भाजपा के पक्ष में होने के बाद कांग्रेस की सरकार को बर्खास्‍त कर दिया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। इसके बाद बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया। इस फैसले को उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा और उच्चतम न्यायालय ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया।

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