बेंगलुरू: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद संभाला और 2018 के विधानसभा चुनावों में 224 सदस्यीय सदन में 150 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया। चौथी बार अध्यक्ष पद संभालते हुए उन्होंने कांग्रेस को ‘डूबता जहाज’ करार दिया और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से ‘कांग्रेस मुक्त कर्नाटक’ का लक्ष्य हासिल करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया। अपने आक्रामक नेतृत्व शैली के लिए मशहूर येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, मेरा यहां कोई निजी मामला नहीं है। मैं आपको शांत नहीं बैठने दूंगा, हम सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना है। फिलहाल हमारे 47 विधायक हैं, हमें इन्हें 150 करना है।’ पद संभालने के बाद बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयन्ती के मौके पर आयोजित पार्टी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नौ जिलों में भाजपा का दबदबा नहीं है, 13 जिलों में उसका एक विधायक है और बेंगलुरू तथा बेलागावी में 21 विधायक हैं। उन्होंने कहा, ‘इस बारे में सोचिए, हम कहां हैं और हमें कहां पहुंचना है।’
गौरतलब है कि वर्ष 2008 में भाजपा के कर्नाटक में सत्ता में आने पर दक्षिण भारत में पार्टी की पहली सरकार का मुख्य श्रेय येदियुरप्पा को दिया गया था। लिंगायत समुदाय से आने वाले येदियुरप्पा की नियुक्ति की घोषणा आठ अप्रैल को की गई थी और उन्होंने केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार और सिद्धेश्वर, पार्टी के राज्य प्रभारी मुरलीधर राव, विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टार और अन्य की उपस्थिति में लोकसभा सदस्य प्रहलाद जोशी से ये पदभार संभाला। येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के आरोप में 2011 में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़कर अपना अलग दल ‘कर्नाटक जनता पार्टी’ बनाई थी जो वर्ष 2013 चुनावों में कोई प्रभाव डालने में तो नाकाम रहा था लेकिन उसने भाजपा को नुकसान पहुंचाया था। वर्ष 2014 लोकसभा चुनावों से पहले मोदी के पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित होने के बाद येदियुरप्पा भाजपा में वापस आ गये थे।