बेंगलूरू: सीबीआई ने आज तड़के बेंगलूरू, कनकपुर और रामनगर में पांच जगहों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद डी के सुरेश से जुड़े कुछ लोगों के आवासों एवं एक कार्यालय पर छापे मारे। सुरेश कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) विधायकों को हाल में एकजुट रखने के लिये चर्चा में आए विधायक डी के शिवकुमार के भाई हैं। छापेमारी ने तब राजनीतिक रंग ले लिया जब विधायक शिवकुमार, उनके सांसद भाई डीके सुरेश ने इसे उन्हें फंसाने के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार की ''बदले की कार्रवाई बताया।
सीबीआई ने कहा कि यह छापेमारी इन आरोपों पर की गई कि रामनगर स्थित कॉर्पोरेशन बैंक के मुख्य प्रबंधक बी प्रकाश ने चलन से बाहर कर दिए गए 10 लाख रुपये मूल्य के नोटों को कुछ अज्ञात लोगों के साथ मिलीभगत से 14 नवंबर 2016 को नए नोटों से बदला था। प्रकाश और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने जाली मांग पर्ची बनाकर इसे छिपाने की भी कोशिश की।
सीबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बेंगलूरू ग्रामीण में पद्मनाभैया नामक व्यक्ति (जो कथित तौर पर सुरेश से जुड़ा है), शिवानंद, उप तहसीलदार, नंजप्पा, कनकपुर स्थित एसडीएम कार्यालय में चुनाव कार्ड प्रभारी के आवासों तथा तहसीलदार कार्यालय में चुनाव इकाई कार्यालय पर छापेमारी की गई। आरोप है कि 10-11 नवंबर 2016 के बीच तहसीलदार कार्यालय से मतदाताओं के किसी आग्रह के बिना 120 डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र जारी किए गए थे और इनका इस्तेमाल नोट बदलने के लिए किया गया था। नोटबंदी की घोषणा आठ नवंबर 2016 को की गई थी और नौ नवंबर को बैंक बंद थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 10 लाख रुपये मूल्य के नोटों को बदलने के लिए ये मतदाता पहचान पत्र पद्मनाभैया ने बैंक को सौंपे थे। एजेंसी ने कहा कि प्रकाश और कॉर्पोरेशन बैंक के अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला सात अप्रैल 2017 को दर्ज किया गया था। सुरेश ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें और उनके भाई शिवकुमार को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा, ''मुख्य निशाना और कोई नहीं, बल्कि मैं और मेरे भाई हैं। दूसरों को निशाना बनाकर वे हम तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।