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बेंगलुरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। हालांकि इससे पहले भाजपा विधायक किसानों की कर्ज़माफी मुद्दे को लेकर विधानसभा से वॉकआउट कर गए। ढाई दिन के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने किसानों का कर्ज़ माफ़ नहीं किया तो भाजपा 28 मई को राज्य में बंद का आयोजन करेगी।

येदियुरप्पा के इस बयान के बाद सभी भाजपा विधायक सदन से बाहर निकल गए। जिसके बाद कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया और 117 वोटों के साथ बहुमत हासिल कर लिया। विधानसभा से बाहर निकलने के बाद भाजपा विधायक आर अशोका ने कहा, 'हम लोग किसानों के कर्ज़माफी मुद्दे को लेकर सदन से वॉकआउट कर गए। 28 मई को हम लोग पूरे राज्य में बंद और धरना प्रदर्शन करेंगे। हम लोग अब इस मुद्दे को लेकर आक्रामक होने जा रहे हैं।'

वहीं भाजपा द्वारा बुलाए गए बंद को लेकर जब कांग्रेस विधायक डी के शिवकुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'वह ऐसे ही जनता का पैसा बर्बाद नहीं कर सकते। अगर राज्य में किसी भी तरह से क़ानून-व्यवस्था संबंधी बाधा उतपन्न हुई तो उसके लिए भाजपा ज़िम्मेदार होगी। वह हमसे जबरन कुछ नहीं करवा सकते और न ही हमें ब्लैकमेल कर सकते हैं। हमारी सरकार एक ज़िम्मेदार सरकार है और हम भाजपा के इशारों पर काम नहीं कर सकते।

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने बीजेपी के बंद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'अब असल में काम शुरू होगा, मैने कर्नाटक की जनता से जो भी वादा किया है उसे पूरा करने जा रहा हूं। मैं भाजपा की धमकी से डरने वाला नहीं हूं।' गौरतलब है कि बुधवार को सीएम पद की शपथ लेने के बाद ही एच डी कुमारस्वामी ने कहा था कि उनकी सरकार जल्द ही किसानों की कर्ज़माफी का ऐलान करेगी, हालांकि यह कब होगा इस बारे में कुछ भी नहीं कहा।

बता दें कि कर्नाटक में किसानों की कर्ज़माफी का मुद्दा काफी अहम है और यही वजह है कि येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ लेते ही घोषणा की थी कि उनकी सरकार किसानों का कर्ज़ माफ़ करने जा रही है। हालांकि तब तक येदियुरप्पा सरकार ने सदन में विश्वासमत हासिल नहीं किया था और न ही कैबिनेट का विस्तार किया था। येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो दिन बाद शक्ति परीक्षण से पहले ही त्यागपत्र दे दिया था।

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