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नई दिल्ली: कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर विवाद बढ़ गया है, राज्य की सिद्धारमैया सरकार 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के लिए कार्यक्रम करना चाहती है जिसका भाजपा और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है। भाजपा टीपू को 'अत्याचारी' बताते हुए कह रही है कि कांग्रेस यह काम अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए कर रही है।

ऐसे में भाजपा नेता और केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े का एक खत भी सामने आया है। यह खत उन्होंने सिद्धारमैया के सचिव को लिखा है जिसमें कहा गया है कि टीपू सुल्तान से संबंधित किसी कार्यक्रम में उनको ना बुलाया जाए।

हेगड़े इससे पहले 2016 में भी मैसूर के राजा रहे टीपू सुल्तान का जन्मदिवस मनाने का विरोध कर चुके हैं। पत्र में लिखा गया है कि टीपू सुल्तान अत्याचारी था और उसने हजारों हिंदुओं का कत्ल और काडागू के लोगों पर अत्याचार किया था। इसके उलट, कांग्रेस दावा करती रही है कि टीपू सुल्तान स्वतंत्रता सैनानी थे और यह काम अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए नहीं किया जा रहा।

मामले के बढ़ने पर सिद्धारमैया ने कहा था कि कार्यक्रम का न्योता राज्य और केंद्र सरकार के सभी नेताओं को भेजा जाएगा जिसको स्वीकार और नकार देना उनकी मर्जी है। सिद्धारमैया ने टीपू के पक्ष में कहा कि ब्रिटिश के खिलाफ देश ने चार युद्ध लड़े और उन चारों में टीपू ने हिस्सा लिया था।

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