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नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत देने के फैसले के खिलाफ ईडी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। ईडी ने कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश अवैध है और टिप्पणियां पक्षपातपूर्ण हैं।

ईडी का कहना है कि हाईकोर्ट ने ये गलत कहा है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है।

हेमंत सोरेन 149 दिन बाद 28 जून को जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए थे। जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर की थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था, "कोर्ट के समक्ष अब तक जो तथ्य लाए गए हैं, उसमें ये मानने का कोई आधार नहीं है कि सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी हैं।"

हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन घोटाले में 31 जनवरी को करीब आठ घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्होंने ईडी की हिरासत में रात साढ़े आठ बजे राजभवन पहुंचकर सीएम पद से इस्तीफा दिया था।

1 फरवरी को उन्हें न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेजा गया था। 149 दिनों के बाद वो जेल से बाहर आए थे।

आज ही हेमंत सोरेन सरकार ने हासिल किया है विश्वास मत

झारखंड विधानसभा में आज ही हेमंत सोरेन सरकार ने विश्वास मत हासिल किया है। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में मनोनीत सदस्य ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन सहित कुल 45 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और झामुमो नीत गठबंधन के 10 अन्य नेताओं ने मंत्री के तौर पर आज शपथ भी ली है।

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