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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी सुनने से इंकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने पूर्व सीएम से सूबे के हाईकोर्ट का रुख करने के लिए कहा है। अदालत की ओर से कहा गया कि जेएमएम के नेता भूमि से जुड़े मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ वाली याचिका वहीं लेकर जाएं।

सर्वोच्च अदालत में शुक्रवार (2 फरवरी, 2024) को सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने दो टूक कहा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते हैं? कृपया हाईकोर्ट का रुख करिए। मेरे साथी जज भी इस बात से सहमत हैं। हम सीधे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका को सुन नहीं सकते हैं। याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाने को स्वतंत्र है। हमें बताया गया है कि यही याचिका हाईकोर्ट में दाखिल हुई है, जो वहां पेडिंग है। आपको वहां बात रखनी चाहिए। हाईकोर्ट में दी गई याचिका में अगर किसी संशोधन की ज़रूरत है, तो याचिकाकर्ता उसे कर सकते हैं। जस्टिस खन्ना की ओर से कहा गया, "हाईकोर्ट भी संवैधानिक कोर्ट है। हम अगर आपको सीधे सुनेंगे तो दूसरों को कैसे मना कर सकते हैं।"

आगे वकील सिब्बल ने बताया कि वह बता सकते हैं कि सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। जस्टिस खन्ना ने इस बात पर जवाब दिया, "आप (सोरेन) पहले भी सुप्रीम कोर्ट आए थे। आपसे तब भी हाईकोर्ट जाने के लिए कहा गया था।"

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील एस वी राजू की ओर से कहा गया कि बिल्कुल ऐसी ही याचिका (सुप्रीम कोर्ट से मिलती-जुलती) हाईकोर्ट में भी दाखिल की गई है। हालांकि, इस दौरान सोरेन के वकील सिब्बल ने जिरह की कोशिश की मगर जस्टिस खन्ना ने साफ कहा कि वे लोग हाईकोर्ट का रुख करें और इस बात पर उनके साथी जज भी सहमत हैं।

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