नई दिल्ली: तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों जीत के बाद कांग्रेस पार्टी का मनोबल बढ़ता नजर आ रहा है। इसी कड़ी में पार्टी को भाजपा के एक और किले में सेंध लगाने का मौका मिला है। यह मौका दिया है झारखंड के उपचुनावों ने। भाजपा शासित प्रदेश झारखंड में उपचुनाव हुए। हत्या के एक मामले में झारखंड पार्टी के विधायक एनोस एक्का के सजा पाने के बाद खाली हुई कोलेबीरा विधानसभा सीट पर यह उपचुनाव कराए गए थे। अब यहां कांग्रेस के नमन विक्सेल कोंगाडी को जीत मिली है। जिसके बाद सूबे की सियासत में चहलकदमी तेज होने की आशंका जताई जा रही है।कोलेबिरा में कांग्रेस के खाते में 40343 वोट आए हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी को 30685 वोट मिले।
बता दें कि कोलेबिरा को नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है, जहां भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार को मतदान कराया गया था। जहां करीब 64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत के अधिकार का इस्तेमाल किया। खास बात यह रही कि उपचुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा की खबर नहीं आई थी। सीट पर कुल 5 उम्मीदवार चुनाव अपनी किस्मत आजमाने के लिए उतरे थे।
जिनमें भाजपा के बसंत सोरेंग, झारखंड पार्टी की मेनन एक्का और कांग्रेस के नमन विक्सेल कोंगाडी प्रमुख हैं। इनके अलावा सेंगेल पार्टी के अनिल कंदुलना और निर्दलीय बसंत डुंगडुंगभी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे थे।
उम्मीद जताई जा रही थी कि यहां त्रिकोणिय मुकाबला देखने को मिलेगा। लेकिन नतीजों के दिन रेस में सिर्फ भाजपा और कांग्रेस ही नजर आए। शुरुआती राउंड में कांग्रेस और भाजपा के बीच वोटों का अंतर कम रहा। लेकिन आखिरी राउंड तक यह फासला करीब 10 हजार वोटों तक पहुंच गया।
कांग्रेस ने यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ हाथ मिलाने की कोशिश की थी लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अयोग्य ठहराये गये विधायक एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का की उम्मीदवारी का समर्थन किया। अब कांग्रेस जीत का ताज पहन चुकी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के रुख में थोड़ी नरमी आने की संभावना बढ़ गई है।