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रांची: पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, पूर्व मंत्री रामचंद्र केशरी, बंधु तिर्की, पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो और विधायक प्रदीप यादव सहित 54 नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश सिटी एसपी अमन कुमार ने दिया है। यह आदेश जगन्नाथपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दिया गया है।

प्राथमिकी की जांच में सभी पर लगे आरोप सही पाये गये। सभी के खिलाफ जगन्नाथपुर थाना में 23 नवंबर, 2016 को उमेश चंद्र दास तत्कालीन मजिस्ट्रेट की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। प्राथमिकी में शामिल आरोपियों पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, पुलिस पदाधिकारी और जवानों के साथ धक्का-मुक्की करने, सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारा लगाने सहित अन्य आरोप थे।

सभी सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव के विरोध में विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे। सिटी एसपी ने गिरफ्तारी का आदेश हटिया डीएसपी विकास कुमार पांडेय के सुपरविजन रिपोर्ट के आधार पर केस के आइओ दारोगा महेश कुमार को दिया है। गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस कुर्की की कार्रवाई कर सकती है।

प्रदीप यादव ने भीड़ को उकसाने का किया प्रयास सिटी एसपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि विधायक प्रदीप यादव विधानसभा की ओर से आकर भीड़ में घुस गये और भीड़ को उकसाने का प्रयास किया। इस कारण लोग आक्रोशित होकर अनियंत्रित हो गये। उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार की गयी थी।

भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कई जवानों और पदाधिकारियों को चोट लगी। स्थिति के अनियंत्रित होने पर अश्रु गैस का गोले छोड़े गये।

आइओ को सिटी एसपी ने यह भी निर्देश दिया है कि घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग की गयी, तो उसका अवलोकन कर अग्रेतर कार्रवाई करें। सभी अभियुक्तों का नाम और पता का सत्यापन किया जाये। जख्मी पुलिस कर्मियों का बयान केस डायरी में अंकित करें। साथ ही घटनास्थल पर मौजूद पदाधिकारी का बयान लेकर भी उसे केस डायरी में अंकित करें।

क्या था जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी में...

तत्कालीन मजिस्ट्रेट और सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी उमेश चंद्र दास ने प्राथमिकी में उल्लेख किया था कि 23 नवंबर को प्राथमिकी के नामजद आरोपी और 1500 पुरुष व 300 महिला कार्यकर्ता विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने की नियत से विधानसभा की ओर जा रहे थे। सभी अरगोड़ा पुल से डिबडीह की ओर जा रहे थे।

इसी बीच अरगोड़ा चौक पर मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन नहीं माने। सेटेलाइट चौक के पास लगी बैरिकेडिग तोड़कर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की और सरकार व प्रशासन विरोधी नारा लगाते हुए वे आगे बढ़ने लगे।

इसी बीच विधायक प्रदीप यादव भी पहुंचे गये। वह विधानसभा की अंदर की बातों को बढ़ा-चढ़ा कर जुलूस में शामिल लोगों को बता कर उकसाने लगे। उग्र भीड़ पुलिस पर पथराव करने लगी। इसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अश्रु गैस के गोले दागे गये, तब जाकर भीड़ तितर-बितर हुई।

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