रांची: झारखंड में विधायकों का वेतन-भत्ता एक लाख रुपये से अधिक बढ़ाया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक व सचेतक का वेतन भत्ता भी बढ़ाया गया है। कैबिनेट ने विधानसभा कमेटी द्वारा दिए गए प्रस्तावों में थोड़ा परिवर्तन करते हुए इसकी मंजूरी दे दी। यह सितंबर माह से ही लागू हो जाएगा। कैबिनेट सचिव एसके जी रहाटे ने बताया कि कुल 23 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
इसमें विधायकों के वेतन-भत्ता बढ़ाने के अलावा, सेवा के अधिकार के दायरे में 109 और सेवाओं को शामिल करने, ग्रामीण जलापूर्ति के 78 योजनाओं के लिए एक हजार रुपये करोड़, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, कोल्हान व पलामू प्रमंडल में बीएड कॉलेज खोलने की मंजूरी दी गई। विधायकों का वर्तमान वेतन 1.62 लाख है। इसे बढ़ा कर 2.65 लाख करने की मंजूरी दी गई।
इसके अलावा टेलीफोन भत्ता के रूप में एक लाख रुपया वार्षिक पहले की तरह मिलता रहेगा।
मुख्यमंत्री को 1.90 लाख की जगह तीन लाख, मंत्री को 1.65 की जगह 2.70 लाख, विधानसभा अध्यक्ष को 1.85 की जगह 2.98 लाख (इसके अलावा टेलीफोन भत्ता एक लाख रुपये सालाना की जगह दस हजार रुपये प्रतिमाह), नेता प्रतिपक्ष को 1.65 की जगह 2.70 लाख (इसके अलावा टेलीफोन भत्ता एक लाख रुपये प्रति वर्ष), मुख्य सचेतक को 1,50,500 की जगह 2.30 लाख (इसके अलावा टेलीफोन के लिए पूर्व की तरह एक लाख रुपये सालाना और हवाई-जलपोत यात्रा के लिए दो लाख की जगह तीन लाख रुपये सालाना)। उप मुख्य सचेतक को 1.50 लाख की जगह 2.25 लाख रुपये (इसके अलावा टेलीफोन के लिए पूर्व की तरह एक लाख रुपये सालाना और हवाई-जलपोत यात्रा के लिए 1.5 लाख की जगह 2.5 लाख रुपये सालाना) और सचेतक का वेतन-भत्ता 1.50 की जगह 2.15 लाख रुपये (इसके अलावा टेलीफोन के लिए पूर्व की तरह एक लाख रुपये सालाना और हवाई-जलपोत यात्रा के लिए 1.25 लाख की जगह 2.00 लाख रुपये सालाना) मिलेगा।
सेवा का अधिकार के तहत 289 सेवाएं
कैबिनेट ने सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत 20 सेवाओं को हटाने और 109 सेवाओं को जोड़ने की मंजूरी दी। अब सेवा के अधिकार के तहत 289 सेवाएं आ गई हैं। इसके तहत भवन निर्माण विभाग-3, पथ निर्माण-1, श्रम-27, कार्मिक-3, स्वास्थ्य-8, खाद्य व आपूर्ति-9, उत्पाद-23 और वन विभाग के 35 कार्यों को इस दायरे में लाया गया। भवन निर्माण के तहत संवेदकों का निबंधन दस दिन में दुकान-प्रतिष्ठान का निबंधन एक दिन में करना होगा, स्थानीय प्रमाण पत्र 30 दिन में निर्गत करना होगा, बार के लिए लाइसेंस 35 दिन में देना होगा। इसी तरह विभिन्न विभागों की सेवाओं को शामिल करते हुए काम पूरा करने के लिए सात से पंद्रह दिन का समय तय किया गया है। अगर तय समय में काम नहीं होता है, तो लोग अपील कर सकते हैं।
ग्रामीण जलापूर्ति की 78 योजनाओं के लिए राशि मंजूर
ग्रामीण जलापूर्ति योजना के 78 योजनाओं के लिए एक हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। इनमें से 57 योजनाएं विधायकों की अनुसंशा के तहत पूरी की जाएंगी। जिन पर 734 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें देवघर, रांची, सरायकेला, गिरिडीह, पलामू, चतरा, खूंटी, गुमला, दुमका, हजारीबाग, सिमडेगा, गोड्डा, जामताड़ा, कोडरमा और गढ़वा की योजनां शामिल हैं। जबकि जिला खनिज फाउन्डेशन ट्रस्ट अंतर्गत प्राप्त राशि से खनिज क्षेत्रों में जलापूर्ति व्यवस्था के तहत धनबाद, बोकारो, चतरा एवं पश्चिम सिंहभूम जिला में 21 जलापूर्ति योजनाओं को मंजूरी दी गई। इस पर 346 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कोल्हान और पलामू प्रमंडल में खुलेगा बीएड कॉलेज
कैबिनेट ने कोल्हान और पलामू प्रमंडल में एक-एक राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय (बी. एड. कॉलेज) कोलने की मंजूरी दी है। इन कॉलेजों में प्रचायर् और शिक्षकों के पद सृजन को भी मंजूरी दी गई। कॉलेज खोलने के लिए भूमि का चयन होगा, इसके बाद आगे की कारर्वाई शुरू होगा।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को मंजूरी
कैबिनेट ने राज्य में केन्द्र प्रायोजित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को शुरू करने की मंजूरी दी। साथ ही इसके लिए 2017-18 में 63.34 करोड़ रुपये भी मंजूर किए गए। इस योजना के तहत महिलाओं को गर्भास्था के दौरान किश्तों में पांच हजार रुपये मिलेंगे। पहली किस्त एक हजार रुपये गर्भास्था का पंजीकरण कराने पर मिलेगा, दूसरी कश्त छब महीने बाद दो हजार रुपये औऱ तीसरी किस्त दो हजार रुपये बच्चे के जन्म के बाद मिलेगा। साथ ही संस्थागत प्रसव के लिए जननी सुरक्षा योजना के तहत एक हजार रुपये मिलेंगे। यह योजना एक जनवरी 2017 से ही प्रभावी मानी जाएगी। योजना की मॉनिटरिंग और अनुश्रवण के लिए राज्य से लेकर गांव तक समितियों का गठन किया जाएगा।
सरकारी आवासों पर लगेंगे सोलर पावर प्लांट
राज्य के 1400 सरकारी भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप पावर प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए 257 करोड़ रुपे की मंजूरी दी गई। इसके तहत कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, क्सतूरबा गांधी व एकलव्य विद्यालय, एसटी व एससी आवासी स्कूल, डीसी कार्लायल, सदर अस्पताल पुलिस स्टेशन व अन्य सरकार भवनों पर लगाए जाएंगे। इससे कुल 20 मेगावॉट बिजली के उत्पादन का लक्ष्य है। अपने उपयोग से अधिक जो भी बिजली उत्पादित होगा, उसे ग्रिड को दे दिया जाएगा।
कैबिनेट के अन्य फैसले
गिरिडीह नगर परिषद (वर्ग-ख) को अंतिम रूप से गिरिडीह नगर निगम के रूप में गठित करने की मंजूरी।
दुमका जिला के गोपीकान्दर में 30 शय्यावाला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण के लिए 5.18 करोड़ रुपये की मंजूरी। देवघर जिले के मोहनपुर अंचल में डीआरडीओ की स्थापना के लिए 70 डिसिमल भूमि रक्षा मंत्रालय को देने की मंजूरी।
झारखंड रांची के अंतर्गत अभियोजन निदेशालय के संलग्न कार्यालय घोषित करीने की मंजूरी।
झारखंड राज्य आवास बोर्ड सेवा विनियमावली, 2017 के गठन की स्वीकृति।
सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों को खोजने के लिए शौचालयों का गूगल मैंपिंग करने की जिम्मेदारी क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया को देने क मंजूरी।
झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधन) विधेयक, 2017 पर मंत्रिपरिषद ने घटनोत्तर स्वीकृति। यह विधेयक पिछले सत्र में विधान सभा से पारित हो चुका है।
क्रीड़ा निदेशालय के अधीन विभिन्न कोटि के पदों के सृजन के बाद इन पदों के लिए आय-व्यय के शीर्ष के संशोधन की मंजूरी।
जल संसाधन विभाग के अंर्तगत पुनरीक्षित नीति 2012 को 31 मार्च 2017 से पांच साल के लिए अवधि विस्तार की मंजूरी।
वन विभाग के अधीन स्थापना व्यय मद के तहत तीन अस्थायी/आंशिक अस्थायी स्थापनाओं में स्वीकृत 75 अस्थायी पदों एवं सम्बद्ध कार्यालयों के स्थायीकरण करने की मंजूरी।
गढ़वा जिला के नगर उंटारी अनुमंडलीय अस्पताल कें दंत चिकित्सक डॉ. नीलम मिंज को सेवा से हटाने की मंजूरी। वह 2014 से बिना किसी सूचना के कार्य से गायब हैं।
झारनेट परियोजना के लिए नए सेवा प्रदाता के चयन या 31 मार्च 2018 तक के लिए (जो भी पहले हो) मौजूदा कंपनी को कार्य विस्तार की मंजूरी।
झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के निमित्त प्रबंध निदेशक का एक पद एवं महाप्रबंधक के चार पदों के सृजन की मंजूरी।
झारखंड राज्य के पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की संख्या में वृद्धि व संरक्षण पर काम करने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून को तयन करने की मंजूरी।
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में 233.38 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक मैनिफैक्चर क्लस्टर (ईएमसी) की स्थापना होगी। इस पर 185.59 करोड़ खर्च होंगे।
श्रमिक संघ अधिनियम, 1926 में संशोधन के लिए अध्यादेश की स्वीकृति दी गई। इसके तहत श्रमिकों को संघ बनाने के लिए पूर्व में कुल श्रमिक के 10 फीसदी की जगह 30 फीसदी किया गया।
सोलर बिजली खरीद के लिए एकरारनामा को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इसके 4.95 रुपये प्रति मेगा वॉट से खरीदी जाएगी। यह एकररानामा 25 वर्ष के लिए होगा।