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रांची: झारखंड में सोमवार को एक दर्दनाक खबर सामने आई. मात्र 50 रुपये कम पड़ने पर राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) के लैब स्टाफ ने एक बच्चे का टेस्ट करने से इनकार कर दिया। सही समय पर टेस्ट न होने से श्याम की मौत हो गई। दरअसल सीटी स्कैन के लिए 1350 रुपये की जरूरत थी। संतोष के पास केवल 1300 रुपये थे। उसने लैब स्टॉफ से स्कैन करने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने श्याम का टेस्ट करने से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन से बच्चे के पिता ने काफी मिन्नतें की लेकिन लैब स्टाफ का दिल नहीं पसीजा। झारखंड पुलिस के मुताबिक, सिर में चोट के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्चे के पिता संतोष कुमार ने बताया कि डॉक्टरों ने सीटी स्कैन कराने के लिए कहा था। सीटी स्कैन के लिए 1350 रुपये की जरूरत थी। संतोष के पास केवल 1300 रुपये थे। उसने लैब स्टॉफ से स्कैन करने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने श्याम का टेस्ट करने से इनकार कर दिया। बाद में जांच के अभाव में बच्चे की मौत हो गई। इसी तरह से मिलता-जुलता एक मामला रविवार को गुमला जिले में भी प्रकाश में आया था जिसमें नवजात और प्रसूता की मौत हो गई थी।

जानकी देवी को गुमला सदर हॉस्पिटल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने ऑपरेशन नहीं किया और उसे रिम्स रेफर कर दिया। जानकी देवी के पति मुन्ना के मुताबिक, अस्पताल प्रबंधन ने तीन घंटे कागजी कार्रवाई में लगा दिए। कार्रवाई पूरी होने का इंतजार करने के दौरान ही जानकी की मौत हो गई। वहीं, विपक्षी दलों ने इन मौतों पर राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया है। कुछ मामलों में तो परिजनों को शव ले जाने के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई गई।

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