रांची: मैंने कोई घोटाला नहीं किया और न ही किसी साजिश में शामिल रहा हूं। साजिश तो मेरे खिलाफ की गई। राजनीतिक साजिश के तहत मुझे फंसाया गया। पत्नी और बच्चों को भी इसमें घसीटा गया। झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए गए। मेरे बढ़ते राजनीतिक कद और बिहारी होने के कारण मुझे परेशान किया जाता रहा। चारा घोटाले की संबंध में जब भी मेरे पास गड़बड़ी की शिकायत आयी, मैंने जांच कराई। निगरानी जांच का आदेश भी मैंने ही दिया। चारा घोटाले के अभियुक्त और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने मंगलवार को रांची के सीबीआई कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद अपनी सफाई में जज से कही। हालांकि जज ने लालू को टोका और कहा कि जिन बातों से इस केस का संबंध नहीं है, उस बारे में कुछ नहीं कहा जाए। चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में मंगलवार को कोर्ट में लालू का बयान दर्ज किया गया। लालू से सीबीआई के विशेष जज ने 17 सवाल किए और लालू ने सभी का जवाब दिया। लालू ने कहा कि इस मामले में सीबीआइ उनके खिलाफ साजिश रच रही है और जबरन आरोपी बनाई है। उनके खिलाफ किसी भी मामले में साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया गया है। सेवा वस्तिार देने के मामले को भी सीबीआई साजिश बता रही है।
जबकि सरकार को सेवा वस्तिार देने का अधिकार है। पशुपालन विभाग के किसी अधिकारी को नियमों के विरुद्ध सेवा वस्तिार नहीं दिया गया। इसके लिए फाइल विभाग से आयी थी। सभी नियमों का पालन किया गया था। उन्होंने किसी भी सप्लायर या अधिकारी से कोई पैसा नहीं लिया और न ही किसी तरह उपकृत हुए हैं। सीबीआई आरोप लगाती है, लेकिन उसका साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करती। लालू ने कहा कि राजनीतिक प्रभाव कम करने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल किया गया। सीबीआई को किसी भी मामले में साक्ष्य नहीं मिला, तो उन्हें इस घोटाले की साजिशकर्ता में शामिल कर दिया गया। जबकि जिन लोगों के खिलाफ मामला बना, साक्ष्य मिले, उन्हें सरकारी गवाह बना दिया। उन्होंने सीबीआई के सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि वह इस मामले में बेदाग हैं। मालूम हो कि चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में अभियुक्त और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने अपना बयान मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत में दर्ज कराया। उनके साथ पूर्व मंत्री जयनारायण निषाद, पूर्व सांसद आरके राणा, जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत ने भी अपने बयान कोर्ट में दर्ज कराए। चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई ने आरसी 68/96 के तहत मामला दर्ज किया है। कुल 55 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। यह करीब 35 करोड़ के घोटाले का मामला है। कोर्ट में बयान दर्ज कराने के लिए लालू प्रसाद सोमवार की शाम रांची पहुंच गए थे। वहीं लालू प्रसाद को 13 जुलाई को फिर एक मामले में अदालत में पेश होना होगा। आरसी 64 ए /96 मामले में लालू के पक्ष से गवाही हो रही है। इस मामले में गवाही के लिए लालू ने 36 लोगों की सूची दी है। इसी सूची के अनुसार इस मामले में गवाही हो रही है। इस मामले में कोर्ट ने कहा है कि यदि बयान दर्ज कराने के लिए गवाह आते हैं, तो लालू प्रसाद को कोर्ट में मौजूद रहना होगा। यदि गवाह नहीं आते हैं, तो उन्हें उपस्थित रहने से छूट मिल सकती है। मंगलवार को रांची में के कोर्ट परिसर में लालू समर्थकों की भीड़ लगी रही। इस दौरान कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था थी। इसके बाद लालू प्रसाद वापस स्टेट हाउस पहुंचे। यहां लालू प्रसाद मीडिया के साथ-साथ राजद नेताओं से भी दूर रहे। लालू ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।इसके अलावा उन्होंने राजद के कई नेताओं को भी मिलने से मना कर दिया।