रांची: झारखंड की एक अदालत ने पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता प्रभुनाथ सिंह को 22 वर्ष पुराने हत्या के एक मामले में गुरुवार को दोषी करार दिया। उन पर विधायक अशोक सिंह की हत्या का मामला चल रहा था। अदालत के दोषी करार दिए जाने के बाद प्रभुनाथ सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। हजारीबाग जिले की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को इस मामले में दोषी ठहराया। अशोक सिंह 1995 में बिहार में मशरक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इस चुनावी जीत के 90 दिन बाद ही उनकी हत्या कर दी गई। 1995 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल में थे और बाद में वह जनता दल (युनाइटेड) में शामिल हो गए। मौजूदा समय में वह राजद में हैं। अशोक सिंह के भाई तारकेश्वर सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके भाई ने 1995 में प्रभुनाथ सिंह को चुनाव में हरा दिया था। इसके बाद प्रभुनाथ ने खुले तौर पर कहा था कि अशोक सिंह के विधायक बनने के 90 दिनों के भीतर उसकी हत्या कर दी जाएगी और 90 दिन बाद 3 जुलाई, 1995 को पटना में उनके सरकारी आवास में बम मार कर उनकी हत्या कर दी गई। अशोक सिंह की हत्या के बाद उनकी पत्नी चांदनी देवी ने प्रभुनाथ सिंह और उनके दो भाइयों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था।
इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बिहार से झारखंड की हजारीबाग अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। अब अदालत 23 मई को सजा पर फैसला सुनाएगी। अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद प्रभुनाथ को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया।