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देवघर: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण पर कहा कि कोर्ट में इसका इलाज नहीं है। भागवत मंगलवार को झारखंड के देवघर में आयोजित में हिन्दू समागम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा है कि देशवासी रामजन्म स्थान में राम मंदिर निर्माण चाहते हैं। फिर इसके लिए लड़ाई क्यों। कोई मत, पंथ विरोध में खड़ा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि इस्लाम धर्मावलंबी मंदिर का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि राजनीतिक कट्टरपन इस पर रोक लगाता है। भागवत का बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट अयोध्या के राम मंदिर विवाद पर आम सहमति बनाने की पैरवी कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने पिछले महीने कहा था, ‘’इस तरह के संवेदनशील मसलों का हल आपसी सहमति से निकाला जाना बेहतर है। दोनों पक्षों को आपस में हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए. अगर ऐसा हो सके तो कोर्ट मध्यस्थता कर सकता है। अगर दोनों पक्ष बातचीत के लिए तैयार हों तो किसी जज को मध्यस्थता का ज़िम्मा दे सकते हैं. मैं खुद भी इस काम के लिए तैयार हूं।’’ उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में सभी पंथ स्वीकार्य हैं। यहां के लोग सभी को साथ लेकर चलते हैं। कुम्हराबांधी मैदान में धर्म, संस्कृति रक्षा समिति की ओर से आयोजित हिन्दू समागम में बतौर मुख्य वक्ता संघ प्रमुख ने कहा कि देशभर में हिन्दू जन-जागरण अभियान चल रहा है।

महज 1000-1200 वर्षों में हम खुद को भूल गए हैं। बाहर वालों ने भुलाने की चेष्टा की। उन्होंने कहा कि आज उसी का परिणाम है कि देश में चार प्रकार के हिन्दू हो गए हैं। सिंधु नदी के कारण हिन्दुस्तान का नाम पड़ा लेकिन बाद में दुनिया ने अपनी जरूरत के अनुसार देश को नाम दे दिया। पूरी दुनिया ने इस बात को स्वीकार किया कि हम सही हैं। रास्ते अलग हैं लेकिन लक्ष्य एक। मिलकर चलने की सीख हिन्दू ही देते हैं। दुनिया की आवश्यकता हिन्दू हैं। हिन्दुस्तान देश में रहने वाले सभी लोग हिन्दू हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं में मतांतरण नहीं है। बाहरी लोगों ने राजनीतिक स्वार्थ में उपासना पद्धति बदली। हिन्दू सभी धर्म स्थलों में मत्था टेकते हैं। किसी भी धर्म की तौहिन हिन्दू नहीं करते। संघ प्रमुख ने कहा कि हिन्दुओं की उदारता को दुर्बलता समझकर यहां ईसा मसीह के नाम पर मिशनरियां आती हैं। उन्होंने कहा कि वह भी पूजा का तरीका नहीं बदलते। मौके पर साध्वी प्राची, कृषि मंत्री रणधीर सिंह, श्रम मंत्री राज पलिवार, समाज कल्याण मंत्री लुइस मरांडी, रामकथा वाचक उज्जवल शांडिल्य थे।

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