नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने बुधवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) को कांग्रेस के खिलाफ उनकी ‘‘आपत्तिजनक'' टिप्पणियों के लिए 48 घंटे तक प्रचार करने से रोक दिया है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि पांच अप्रैल को सिरसिल्ला में संवाददाता सम्मेलन में राव की टिप्पणी आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और उसके परामर्श का उल्लंघन थी। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री राव पर प्रचार के संबंध में 48 घंटे का प्रतिबंध बुधवार रात आठ बजे से लागू होगा। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के बाद, राव दूसरे नेता हैं, जिन पर मौजूदा लोकसभा चुनाव में प्रचार करने पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया है।
चुनाव आयोग ने "उनके विवादित बयानों की कड़ी निंदा करते हुए" आदेश दिया कि वो 48 घंटे तक मौजूदा चुनाव के संबंध में किसी भी सार्वजनिक बैठक, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियां, शो और इंटरव्यू, मीडिया में सार्वजनिक बयान नहीं दे सकते हैं।
कांग्रेस ने की थी शिकायत
कांग्रेस ने 6 अप्रैल को चुनाव पैनल से एक दिन पहले तेलंगाना के सिरसिल्ला शहर में एक प्रेस मीट में केसीआर द्वारा दिए गए बयान पर आपत्ति जताया था। टिप्पणियों के बारे में शिकायत की गयी थी।
आयोग ने पहले कथित टिप्पणियों पर केसीआर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। हालांकि, 23 अप्रैल को नोटिस का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप से इंकार किया था। उन्होंने बताया कि उनके मूल बयान का गलत अनुवाद किया गया है। उन्होंने कहा था कि तेलंगाना और सिरसिला में चुनाव के प्रभारी अधिकारी तेलुगु लोग नहीं हैं और वे शायद ही तेलुगु की स्थानीय बोली समझते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ वाक्यों को संदर्भ के बाहर व्याख्या करने के लिए कांग्रेस की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि वाक्यों का अंग्रेजी अनुवाद सही नहीं है और तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने कहा कि केसीआर ने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्होंने अपनी आलोचना कांग्रेस की नीतियों और कार्यक्रमों तक ही सीमित रखी है और उन्होंने किसी भी कांग्रेस नेता के व्यक्तिगत पहलुओं की कोई आलोचना नहीं की है। कांग्रेस की शिकायत की सामग्री और केसीआर के जवाब को देखने के बाद, आयोग ने पाया कि बीआरएस प्रमुख ने "आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।"