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काजीपेट/तेलंगाना (संजय कुमार): चुनाव आयोग ने तेलंगाना सरकार को चुनाव से दो दिन पहले रायतु बंधु योजना के तहत 65 लाख किसानों को 7300 करोड़ की सौगात देने वाली डीबीटी योजना पर रोक लगा दी है। ये रोक तेलंगाना के गृहमंत्री टी हरीश राव के उस घोषणा के बाद लगाई गई है, जिसमें उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा था कि सोमवार को आपके चाय-नाश्ते से पहले आपके खाते में रायतु बंधु स्कीम की रकम डिपॉजिट हो जाएगी। चुनाव आयोग ने इस घोषणा को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए अपने पहले आदेश को वापस ले लिया है।

गौरतलब है कि 24 नवंबर को चुनाव आयोग ने तेलंगाना सरकार को रायतु बंधु योजना की दूसरी किस्त जारी करने की इजाजत कुछ शर्तों के साथ दी थी। साथ ही ये भी कहा था कि लोगों को राहत और मदद पहुंचाने वाली डीबीटी योजनाओं पर आदर्श आचार संहिता का असर नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस ने जहां इस पर कड़ा एतराज जताया था। वहीं बीजेपी इसे लेकर खामोश रही और बस इतना कहा कि केंद्र सरकार किसी योजना राशि को रोकने का इरादा नहीं रखती है।

रायतु बंधु योजना के तहत तेलंगाना के किसानों को रबी और खरीफ की दो फसलों के लिए प्रति एकड़ 5-5 हजार रुपए देने का प्रावधान है। यानि एक किसान को एक एकड़ जमीन के लिए 10 हजार रुपए सालाना मिलते हैं। चुनाव से पहले केसीआर सरकार किसानों को रबी की फसल के लिए रायतु बंधु योजना के तहत दूसरी किस्त देना चााहती थी। चुनाव आयोग ने इसके लिए हरी झंडी भी दिखा दी थी। लेकिन कांग्रेस के एतराज और सरकार के मंत्री के बड़बोलेपन की वजह से चुनाव आयोग को अपना ही आदेश वापस लेना पड़ा है। अब चुनाव आयोग के इस आदेश को तेलंगाना सरकार के ताबूत में आखिरी कील माना जा रहा है।

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