हैदराबाद: हैदराबाद विश्वविद्यालय के वीसी छुट्टी पर चले गए हैं। ऐसे में प्रभारी कुलपति बनाया गया है विपिन श्रीवास्तव को। विपिन उस कमेटी के चेयरमैन रह चुके हैं जिस कमेटी ने 5 दलित छात्रों को सजा की अनुशंसा की थी। उन पर पूर्व में भी एक दलित छात्र के उत्पीड़न का आरोप लग चुका है। हालांकि हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति विपिन श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्ववर्ती मामला सुलझ गया था। श्रीवास्तव ने साथ ही दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद की स्थिति को संवाद की कमी करार दिया। श्रीवास्तव पर अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति फैकल्टी ने 2008 में दलित छात्र की मौत के मामले में गहरी भूमिका का आरोप लगाया है। दलित शोध छात्र की मौत को लेकर हंगामे को लेकर वर्तमान कुलपति अप्पा राव पोदिले के छुटटी पर चले जाने के बाद वरिष्ठ प्रोफेसर श्रीवास्तव को कार्यवाहक कुलपति बनाया गया।
श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता विश्वविद्यालय के शिक्षण और प्रशासनिक कार्य बहाल करना होगी। उन्होंने कहा, कुलपति छुटटी पर चले गए हैं और व्यवस्था के तहत एक वरिष्ठ प्रोफेसर प्रभारी कुलपति का प्रभार संभालता है। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति फैकल्टी फोरम और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आफिसर्स फोरम का आरोप है कि श्रीवास्तव 2008 में एक दलित छात्र सेंथिल की आत्महत्या के मामले में आरोपियों में से एक हैं। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा वह मामला सुलझ चुका है। फिलहाल छात्र पोदिले को हटाने और रोहित के परिवार को 50 लाख रूपये की अनुग्रह राशि देने की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इस बारे में श्रीवास्तव ने कहा बातचीत से हम सभी मुद्दों को हल करेंगे। यह संवाद की कमी है।