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हैदराबाद: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिक्कर ने रविवार को टी-हब का दौरा किया और तेलंगाना सरकार द्वारा बनाए गए प्रौद्योगिकी को विकसित करने के देश की सबसे बड़े केंद्र को देखकर प्रभावित हुए। रक्षा मंत्री ने उस जगह का दौरा किया और उन्होंने वहां विकसित हो रहे उद्यमियों से मुलाकात की और उनकी कैसे शुरुआत हुई इसके बारे में जाना। उन्होंने पिछले साल की गई पहल की शुरुआत के बारे में अधिकारियों से बातचीत की। पर्रिकर ने टी-हब के प्रभाव को सराहा। उन्होंने तीन छोटे उद्यमों बैनयान नेशन, गे्रफेने और बौद्धगुरु से उनके विचार जाने। तेलंगाना के आईटी मंत्री के.टी. रामाराव, सचिव जयेश रंजन, टी-हब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जय कृष्णन और टी-हब के संस्थापक श्रीनिवास कोल्लिपारा ने पर्रिकर को वहां उस केंद्र में किए जाने वाले कामों के बारे में जानकारी दी। पर्रिकर ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी के साथ आप अंतर पैदा कर सकते हैं। जब राजनीति में आया तो मैंने महसूस किया कि इंजीनियरिंग की मेरी पृष्ठभूमि और प्रौद्योगिकी की मेरी जानकारी से राज्य को मदद मिल सकती है। हमें लोगों में यह विश्वास पैदा करने की जरूरत है राज नेता अच्छे हैं।

अंतत: राजनीति से उन्हें मिलेगा।’’ कुछ दिनों पहले रक्षा मंत्री ने रामाराव को लिखा था और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में की गई पहल और टी-हब के जरिए नए छोटे उद्यम शुरू करने वालों की जा रही मदद को लेकर उनकी सराहना की थी। पर्रिकर ने लिखा कि उनका विभाग तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साथ काम करना चाहेगा। टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीएबीएल) के शिलान्यास समारोह में उन्होंने राज्य सरकार के प्रगतिशील एवं सकारात्मक सोच की सराहना की। उन्होंने न केवल उद्योगों की समयबद्ध स्वीकृति के नई औद्योगिक नीति बनाने बल्कि उसे क्रियान्वित करने के लिए भी सरकार की सराहना की। उन्होंने सरकार को इस गति को बनाए रखने की सलाह दी और हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया।

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