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नई दिल्ली: जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर हैदराबाद में जूता उछाला गया है। तब वह देश में कुछ यूनिवर्सिटियों में सरकार के कदम का विरोध कर रहे थे। जूता उछालने वाले शख्स को आस-पास खड़े लोगों ने पहले पीटा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस उस शख्स को वहां से लेकर चली गई। इससे पहले 28 वर्षीय कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में काफी समानता है। यहां के टीचरों और छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है। हैदराबाद में एक सेमिनार में बोलते हुए कन्हैया ने कहा कि विश्वविद्यालयों पर हमला काफी गंभीर है। कन्हैया का कहना है कि यह कहना कि छात्र अपना आपा खो रहे हैं, सही नहीं है। ये कैसे संभव है कि एक जैसी घटनाएं आईआईटी चेन्नई, फर्ग्युसन, एफटीआईआई में घट रही हैं। क्यों कैंपर वारजोन बनते जा रहे हैं। आखिर क्यों भीतरी सुरक्षा व्यवस्था को ऐसे करने के लिए आदेश दे रहा है।

मंगलवार को विश्वविद्यालय में काफी तनाव भरा माहौल बन गया जब छात्रों ने वीसी को छह घंटों तक उनके दफ्तर में बंधक बनाकर रखा। पुलिस के आने पर छात्रों ने पथराव किया और पुलिस को छात्रों को वहां से हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस घटना के लिए 34 छात्रों के साथ दो प्रोफेसरों को भी गिरफ्तार किया गया। बुधवार को गेट पर रोके जाने के बाद कन्हैया कुमार ने यूनिवर्सिटी के गेट पर ही भाषण में कहा था छात्रों को असहमति के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने पहले ही साफ कर दिया था कि रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद अस्थाई रूप से बनाए गए मेमोरियल पर किसी कार्यक्रम को करने की इजाजत नहीं दी गई है।

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