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हैदराबाद: तेलंगाना में आसन्न विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिलने से कई लोग जहां खुलकर अपनी अप्रसन्नता जता रहे हैं वहीं कुछ लोग पुरानी पार्टी का दामन छोड़ नए दल का दामन थाम रहे हैं। इस सभी घटनाक्रमों के कारण तेलंगाना में राजनीतिक जोड़-तोड़ में तेजी दिख रही है। टिकट नहीं मिलने से ज्यादा अप्रसन्नता टीआरएस के सदस्यों ने जताई है। पार्टी की ओर से 105 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद टिकट नहीं पाने वाले लोग खुलकर बोलने लगे हैं। तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 सीटें हैं। राज्यपाल द्वारा पिछले सप्ताह विधानसभा भंग किए जाने के बाद टीआरएस प्रमुख और कामचलाऊ सरकार के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने 105 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।

सीट न मिलने से कईयों में नाराजगी

भंग की गई विधानसभा में वारंगल जिले से विधायक कोंडा सुरेखा ने उम्मीदवारों की पहली सूची में अपना नाम नहीं होने पर खुलकर नाराजगी जताई है। सुरेखा आने वाले दिनों में अपनी रणनीति की घोषणा कर सकती हैं।

मानचेरिल जिले में टीआरएस के निवर्तमान विधायक चेन्नुर नल्लाला ओदेलु को टिकट नहीं मिलने से दुखी होकर उनके एक समर्थक ने बुधवार को आत्मदाह का प्रयास किया। हालांकि, सूत्रों का कहना है ओदेलु चुनाव में पार्टी के लिए काम करने को राजी हो गए हैं। तेदेपा छोड़कर टीआरएस में पहुंचे आदिलाबाद जिले के रमेश राठौड़ ने भी टिकट नहीं मिलने पर निराशा जताई है। टीआरएस से टिकट नहीं मिलने के बाद कुछ नेताओं ने भविष्य की रणनीति तय करने के लिए अपने समर्थकों के साथ बैठक की।

कांग्रेसी सुरेश रेड्डी ने टीआरएस का दामन थामा

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. आर. सुरेश रेड्डी ने बुधवार को पार्टी छोड़कर टीआरएस का दामन थाम लिया। रेड्डी आंध्रप्रदेश में वाई. एस. राजशेखर रेड्डी की सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष थे। वहीं 2014 में कांग्रेस छोड़कर टीआरएस गये पूर्व विधायक ए. राजेन्द्र बुधवार को अपनी पार्टी में लौट आए हैं।

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