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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इसकी पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ पुरानी पार्टी छोड़ने के कुछ दिनों बाद आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद सुनील जाखड़ ने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कांग्रेस से संबंध टूटने को लेकर कहा कि हमारा संबंध 50 साल का था। हमारी तीन पीढ़ियां वहां काम कर चुकी हैं। पार्टी को परिवार समझकर अच्छे बुरे समय में साथ रहे। अगर रिश्ता तोड़ने की नौबत आई तो कोई निजी झगड़े के लिए पार्टी नहीं छोड़ी। मुझे इस बात को लेकर कटघरे में खड़ा किया कि मैंने आवाज उठाई कि पंजाब को जाति और धर्म के नाम पर नहीं तोड़ सकते। मैं समझता हूं पंजाब में सबको बराबरी का हक है। मैंने हमेशा राष्ट्रीयता की भावना रखी। निजी स्वार्थ के लिए राजनीति का इस्तेमाल नहीं करता। मैंने हमेशा जोड़ने का काम किया, तोड़ने का नहीं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की बात नहीं है कि जिसके चलते रिश्ता टूटा। शीशा नहीं था, 50 साल का संबंध था। रिश्तों को उसूल की तरह निभाया है। लेकिन पार्टी सिद्धांतों से हटी तो ये फैसला लेना पड़ा।

 उन्होंने कहा, वो मेरी आवाज नहीं रोक सकते थे, पद से हटा सकते थे।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुनील जाखड़ को पार्टी में शामिल करते हुए कहा कि जाखड़ ने ईमानदार छवि के साथ काम किया है। कांग्रेस में वह अहम पदों पर रहे हैं। पंजाब में राष्ट्रवादी ताकतों का मजबूत होना जरूर है। मुझे पूरा विश्वास है कि सुनील जाखड़ हमारे साथ मिलकर पंजाब को नए मुकाम तक ले जाएंगे।

उनका इस्तीफा भी बहुत नाटकीय ढंग से हुआ, जब पार्टी राजस्थान में तीन दिवसीय विचार मंथन सत्र आयोजित कर रही थी तो जाखड़ ने पार्टी और एक फेसबुक लाइव वीडियो में गुड बाय, गुड लक, कांग्रेस कहा। दरअसल, हाल ही में पार्टी के कुछ पूर्व सहयोगियों ने उनकी तीखी आलोचना करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी।

पिछले महीने ही कांग्रेस के अनुशासन पैनल ने सिफारिश की थी कि जाखड़ को दो साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया जाए और सभी पदों से हटा दिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना करने पर कांग्रेस नेतृत्व ने पूर्व कांग्रेसी नेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

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