अमृतसर: अंग्रेजी फौज से लोहा लेने वाले पंजाब के अंतिम शासक महाराजा रंजीत सिंह की 238वीं जयंती पर उनके वंशजों ने ब्रिटेन से कोहिनूर हीरे की वतन वापसी तथा महाराजा दलीप सिंह की अस्थियों को स्वदेश लाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने का संकल्प किया। शाही परिवार के सदस्यों ने मंगलवार को उनकी याद में गुरुद्वारा सारागढ़ी में पाठ कराया।
उन्होंने एकजुट होकर कोहिनूर हीरे की वतन वापसी और महाराजा दलीप सिंह की अस्थियों को स्वदेश लाकर उनका सिख मर्यादा के मुताबिक, अंतिम संस्कार कराने और उनके परिवार को शाही परिवार का दर्जा देने की लड़ाई लड़ने की बात कही। समागम का आयोजन महाराजा की छठीं पीढ़ी के डॉ. जसविंदर और डॉ. हरविंदर सिंह की अगुवाई में किया गया।
उन्होंने कहा कि अब उनका पूरा परिवार एकजुट हो गया है और ब्रिटेन में पड़े कोहिनूर हीरे की वतन वापसी, महाराजा दलीप सिंह की अस्थियों को यहां लाकर सिख मर्यादा के मुताबिक संस्कार करने और उनके परिवार को शाही परिवार का दर्जा देने की लड़ाई लड़ी जाएगी।