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चंडीगढ़: आयकर विभाग ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके बेटे के खिलाफ ‘बिना आयकर भुगतान वाली विदेशी संपत्तियों’ के मामले में जांच को लेकर आरोप पत्र दायर किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभाग ने गुरुवार को पंजाब के लुधियाना में एक अदालत में अभियोजन शिकायत (पुलिस आरोप पत्र के बराबर) दायर किया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर को आयकर अधिनियम की धारा 277 (सत्यापन में गलतबयानी) और भारतीय दंड संहिता की धारा 176, 177 (गलत जानकारी देना) और 193 (हलफनामे में गलत बयान देना) के तहत आरोपी बनाया गया है। अमरिंदर ने ट्विटर के जरिए वित्त मंत्री अरुण जेटली पर उनको फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘मैंने अरुण जेटली को चुनौती दी थी कि वह अमृतसर में लोकसभा उप चुनाव लड़ें और अब उन्होंने इस तरह से जवाब उसका दिया है। यह अनुमानित था।’ शिकायत के अनुसार आयकर विभाग ने कहा है कि उसकी जांच के दौरान सिंह को उनके बेटा द्वारा विदेश में स्थापित ट्रस्ट और स्वामित्व वाली संपत्तियों का ‘लाभार्थी’ पाया गया तथा जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इन संपत्तियों के स्वामित्व के बारे में ‘गलत बयान’ दिए। इसमें कहा गया है कि सिंह इन ट्रस्ट और विदेशी संपत्तियों को बनाये जाने में ‘सक्रिय रूप से शामिल’ थे और इनको लेकर आयकर विभाग के समक्ष कर अपवंचन के मकसद से खुलासा नहीं किया गया।

आयकर विभाग पहले ही अमरिंदर के बेटे रणिंदर के खिलाफ ऐसी शिकायत दायर कर चुकी है और उनको आयकर अधिनियम की धारा 276सी के तहत आरोपी बनाया गया है और यही आरोप उनके पिता पर लगेगा। यह मामला उस वक्त प्रकाश में आया जब आयकर विभाग को जानकारी मिली कि रणिंदर ने स्विट्जरलैंड में कथित तौर पर खाता खोल रखा है। यह कथित जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा फ्रांस में उसकी समकक्ष संस्था से 2011 में हासिल ब्यौरे में मिली थी। विभाग ने स्विट्जरलैंड तक धन पहुंचाये जाने और करचोरों की पनाहगाह कहे जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में रणिंदर द्वारा कथित तौर एक ट्रस्ट और कुछ संबंधित इकाइयां स्थापित किए जाने का भी पता लगाया था। अमरिंदर और रणिंदर दोनों ने कुछ भी गलत करने से इंकार किया और अपने खिलाफ लगे आरोपों को ‘गलत’ करार दिया है। आयकर विभाग के पहले के आरोप पत्र के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने रणिंदर के खिलाफ फेमा के तहत एक मामला दर्ज किया था और उनसे पूछताछ की थी।

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