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चंडीगढ़: पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने नाभा जेल से कैदियों के फरार होने के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की और आरोप लगाया कि यह एक ‘गहरी साजिश’ का परिणाम है जो खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख हरमिंदर सिंह मिन्टू की गिरफ्तारी के साथ ‘गहरा’ गई है। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब पुलिस डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने पहले ही मामले में साजिश और मिलीभगत की बात स्वीकार की है। ऐसे में इस मामले की जांच पंजाब पुलिस से कराए जाने के बजाय एक स्वतंत्र जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।’’ अमरिंदर सिंह ने सतारूढ़ अकालियों पर ‘आसन्न हार को देखते हुए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सहारा’ लेने का भी आरोप लगाया। उन्होंने यहां पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘जेल पर हमले की घटना से राज्य सरकार की तरफ भी अंगुली उठी है।’’ पटियाला जिले के नाभा जेल से नाटकीय रूप से फरार हो जाने के 24 घंटे के भीतर मिन्टू की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमरिंदर ने इस गिरफ्तारी के साथ मामले को रफा-दफा करने के प्रयास पर चेतावनी दी और मामले की पूरी जांच की मांग की. मिन्टू पांच अन्य कैदियों के साथ कल फरार हो गया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से मिली-भगत का एक मामला है.’’ उन्होंने कहा कि मिन्टू को दिल्ली में गिरफ्तार किए जाने के कारण सीबीआई और आईबी के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए।

खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के प्रमुख हरमिंदर सिंह मिन्टू को दिल्ली में रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है।

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