कोलकाता: एक स्थानीय अदालत ने कामदुनी गैंगरेप और हत्या मामले में गुरुवार को छह व्यक्तियों को दोषी ठहराया। इस मामले में 21 वर्ष की एक कॉलेज छात्रा के साथ जून 2013 में दरिंदगी से बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। मामले में दो अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया। अतिरिक्त नगर और सत्र न्यायाधीश संचिता कार ने खचाखच भरी अदालत में सैफुल अली, अंसार अली और अमीनुल अली को सामूहिक बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया। तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया। न्यायाधीश ने इमानुल इस्लाम, अमीनुल इस्लाम और भोला नास्कर को धारा 376 (डी) (सामूहिक बलात्कार), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत दोषी पाया।
सैफुल अली ने लड़की को सड़क पर रोका और उसे फार्महाउस के भीतर ले गया, जहां इस अपराध को अंजाम दिया गया। उसे धारा 109 (अपराध में सहायता देना) और 342 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) के तहत दोषी पाया गया। न्यायाधीश ने कहा कि सजा के बारे में जिरह कल शुरू होगी। न्यायाधीश ने कहा कि सैफुल अली, अंसार अली और अमीनुल अली को मौत की या 20 वर्ष जेल की अधिकतम सजा दी जा सकती है। अन्य तीन को कम से कम 20 वर्ष जेल अथवा ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद हो सकती है। रफीकुल इस्लाम और नूर अली के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला लिहाजा दोनो को दोषमुक्त करार दिया गया। एक अन्य आरोपी गोपाल नस्कर की पिछले वर्ष अगस्त में मौत हो गई।