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कोलकाता: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद आरजी कर कॉलेज और अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार से पूछा कि अचानक 7 हजार लोग कैसे इकट्ठा हो गए।

राज्य सरकार के वकील ने कहा कि हमें जैसे ही घटना की जानकारी मिली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अचानक 7000 लोग ऐसे ही इकट्ठा नहीं हो जाते हैं। घटना से जुड़े वीडियो कोर्ट में दिखाए गए है।

'ऐसे डर के माहौल में डॉक्टर कैसे काम करेंगे'

कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर ऐसे ही हालात हैं तो अस्पताल को बंद कर दीजिए मरीजों को किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दीजिए तो जब अस्पताल ही बंद होगा तो उस तरीके का हंगामा ही नहीं होगा। ऐसे डर के माहौल में डॉक्टर कैसे काम करेंगे। कोर्ट ने 14 अगस्त की रात आईजी अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के वीडियो भी देखें।

इस मामले में पूछताछ के लिए आरजी कर कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को सीबीआई ने बुलाया है. कोर्ट में पूर्व प्रिंसिपल के वकील ने दलील लेते हुए कहा कि मैं सीबीआई की जांच के लिए तैयार हूं। लेकिन मेरे घर के बाहर लगातार प्रदर्शन चल रहा है, अगर मुझे सुरक्षा मिल जाती है तो आज ही मैं सीबीआई के सामने पेश हो सकता हूं।

पीड़िता की तस्वीर न हो साझा: हाईकोर्ट

कोर्ट ने पुलिस से घटना का पूरा ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने कहा कि अगर डॉक्टर को सुरक्षा नहीं मिलेगी तो वह काम कैसे करेंगे। सीबीआई के पास पूरा अधिकार की वह घटना स्थल पर जाए और तथ्यों की जांच करें। सीबीआई से भी इस मामले में अंतरिम रिपोर्ट देने को कहा गया। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की तस्वीर मीडिया में ना दिखाई जाए और ना ही सार्वजनिक की जाए।

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