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नई दिल्ली: ऐसा लगता है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे ने भी उनके और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच का तनाव कम नहीं हो पाया है। बनर्जी ने सवाल किया कि केंद्र ने बोस की मौत से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया? उनकी पार्टी ने मांग की है कि जापान के रेनकोजी मंदिर में संरक्षित राख, जिसे स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की माना जाता है, उसे डीएनए विश्लेषण के लिए भेजा जाए। ममता बनर्जी ने उनकी 125वीं जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा, "आज तक हमें नेताजी के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।"

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, ममता बनर्जी ने कहा, "उन्होंने (केंद्र ने) कहा था कि जब वे सत्ता में आएंगे तो वे इस पर काम करेंगे लेकिन कुछ नहीं हुआ। वास्तव में, हमने (राज्य) नेताजी बोस की सभी फाइलों को जारी और सार्वजनिक कर दिया है।" नेताजी की मृत्यु पर विवाद बंगाल में एक बेहद भावनात्मक मुद्दा है और कई लोग अब भी मानते हैं कि उनकी मृत्यु 1945 में एक विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी।

2017 में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक प्रश्न के उत्तर में केंद्र ने पुष्टि की थी कि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में हुई थी।

केंद्र का यह भी दावा है कि उसने नेताजी से जुड़ी सभी फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है। अप्रैल 2016 में केंद्र ने 25 अवर्गीकृत फाइलों का तीसरा बैच जारी किया ​था, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय की पांच फाइलें और विदेश मंत्रालय की 15 फाइलें शामिल थीं। यह फाइलें 1956 और 2009 के बीच की अवधि की थीं।

हालांकि शोधकर्ताओं के एक वर्ग का आरोप है कि इस मामले में इंटेलिजेंस ब्यूरो की फाइलें अभी भी सार्वजनिक नहीं की गई हैं। शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर "नेताजी की फाइलों" का वर्गीकरण रद्द करने का अनुरोध किया था।

पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था कि केंद्र ने नेताजी की फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग को पूरा किया है और इंडिया गेट पर नेताजी की ग्रेनाइट प्रतिमा लगाने का वादा किया था।

गौरतलब है कि प्रतिमा के तैयार होने तक नेताजी का एक होलोग्राम इंडिया गेट पर लगाया जाएगा, पीएम मोदी ने एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया था। बनर्जी ने दावा किया कि मूर्ति भी केवल इसलिए बनाई जा रही है "क्योंकि हमने दबाव डाला था।"

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